चूरू. कोरोनाकाल में लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आया और इस दौरान लोगों ने ऑक्सीजन का महत्व भी अच्छी तरह से समझा। वो समय ऐसा था जब लोगों को ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटकते देखा गया, झगड़ते देखा गया था। इसके लिए उन्हे काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। जिले में कई लोगों की ऑक्सीजन सिलेण्डर नहीं मिल पाने की वजह से जान तक चली गई थी। कोरोना की दूसरी लहर ने जब जोर पकड़ा तो जिले के सबसे बड़े राजकीय भरतिया अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो गई और इसकी लूट मचते हुए भी सभी ने देखा। इस स्थिति को ही ध्यान में रखते हुए राजकीय भरतिया अस्पताल में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक बनाया गया, जिसमें ऑक्सीजन की फिलिं हो गई है। ऐसे में मरीज व उनके परिजनों को भविष्य में ऑक्सीजन की कमी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। ये प्लांट लगने के बाद लोगों को कोरोनाकाल में काफी राहत भी मिली।
ऑक्सीजन फिलिंग का काम हुआ
अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमान जयपाल ने बताया कि मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अस्पताल परिसर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीन टैंक का निर्माण करवाया था, जिसमें ऑक्सीजन फिलिंग का कार्य किया जा चुका है। सिलेंडरों के बजाय सीधे लाइन से वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ एक जिला अस्पताल हैं, जहां पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीन टैंक शुरू हो पाए हैं। इस टैंक से सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन 99 प्रतिशत तक पूरी तरह से शुद्ध हैं।
सालाना 20 से 30 लाख रुपए की होगी बचत
डॉ हनुमान जयपाल ने बताया कि अभी अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रतिमाह करीब 20-30 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए जाते है। इसके लिए साल में अस्पताल प्रशासन को करीब 20 से 30 लाख रुपए व्यय करने होते हैं। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीन टैंक शुरू होने से अब सिलेंडर मंगवाने का झंझट नहीं रहेगा। ऐसे में अस्पताल प्रशासन पर अतिरिक्त आर्थिकभार नहीं पड़ेगा।
