अलवर. प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्कूलों को नया लुक देकर उन्हे संवारने का काम जोरों पर है। ऐसा ही काम राजस्थान के अलवर में सरकारी स्कूल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस स्कूल को ट्रेन के रूप में बदल दिया है। इसकी पहल चूूरू जिले में हुई थी। अब अलवर में भी टे्रन का लुक दिया गया है। इस लुक को राज्य के अनेक स्कूल भी अपनाने लगे हैं। आपको बता दें कि यह पूरा स्कूल ट्रेन के डिब्बे की तरह दिखता है। स्कूल को इस तरह से आकर्षित बनाने की एक खास वजह यह है कि सरकारी स्कूल में नामांकन बढ़ सके व पढ़ाई के लिए एक सकारात्मक वातावरण बने। इस स्कूल का नाम गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेलवे स्टेशन है।इसी को देखते हुए स्कूल को ट्रेन के डिब्बे का लुक दिया है।
इस स्कूल का क्लासरूम पैसेंजर बोगियों, प्रिंसिपल का ऑफिस इंजन और बरामदे को प्लेटफार्म का लुक दिया है। इसके बारे में स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि पहले स्कूल का नाम रेलवे स्टेशन की तरह से था। इसलिए इसे रेलवे स्टेशन की तरह से डेवलप करने का विचार आया। यह विचार जिला सर्व शिक्षा अभियान के जूनियर इंजीनियर राजेश लवानिया ने दिया था।
आज यहां 650 से ज्यादा बच्चे हैं
प्रिंसिपल मणिराम गुर्जर ने बताया कि इस नवाचार से यहां नए एडमिशन में बढ़ोतरी हुई। शहरवासी अपने बच्चों को यहां पढऩे के लिए भेज रहे हैं। पहले इस स्कूल में एडमिशन की संख्या 400 थी। लेकिन अभी यहां बच्चों की संख्या करीब 650 से ज्यादा है।
विद्यालय की कक्षाओं को दिया रेलगाड़ी का रूप
लाडनूं. सरकारी विद्यालय के अध्यापकों ने जन सहयोग से विद्यालय के स्वरूप को ही निखार दिया। उन्होंने विद्यालय के कमरों को रंग करवाकर ट्रेन का स्वरूप में बदल दिया। विद्यालय में हुए कार्य को लेकर आमजन के लिए चर्चा का विषय बन गया समीपवर्ती गिरधारीपुरा में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जिसके शिक्षको ने भामाशाहो के सहयोग से विद्यालय में रंग रोगन करवाकर विद्यालय का स्वरूप ही निखार दिया ।
विद्यालय में दीवारों पर बनाई गई आकृतियों ने विद्यालय के सौन्दर्य को और अधिक आकर्षित बना रहा है। विद्यालय में कक्षाओं को ट्रेन के डिब्बो की तरह रंग करके बनाया गया है। शिक्षकों के योगदान में विद्यालय के स्वरूप को निखार दिलवाया गया जिसमें बीएलओ राजेन्द्र बिरड़ा के सहयोग से गांव के भामाशाहो को प्रेरित किया गया। विद्यालय में रंग रोगन कार्य के लिए चार लाख का कार्य पंचायत व भामाशाहो के सहयोग से करवाया गया।
रामेश्वर , ओमप्रकाश कड़वासरा ने विद्यालय में रंग रोगन के डेढ़ लाख की लागत से रंग रोगन व चित्रकारी करवाई। गोविंदराम, देवीलाल, राधेश्याम मुण्ड द्वारा साज सज्जा का कार्य पचास हजार का सहयोग दिया। पूर्व सरपंच लिछमा देवी व सरपंच प्रतिनिधि पूर्णाराम मंडा के संज्ञान से पंचायत द्वारा विद्यालय की चार दीवारी के उनयन का कार्य करवाया गया। इसके अलावा कही भामाशाहो ने सहयोग प्रदान किया । विद्यालय की अध्यापिका लक्ष्मी कुमावत व अध्यापक मनोहरलाल का भी सहयोग रहा।
विद्यालय में यह हुआ कार्य
संस्था प्रधान ने बताया कि विद्यालय के शिक्षक भरत चोटिया ने सभी रूपरेखा व एक्टिविटी कक्ष बनाने के लिये योजना तैयार की जिसमें विद्यालय के सम्पूर्ण परिसर में रंग रोगन करवाया गया, कक्षाओं को रेलगाड़ी की आकृति दी गई। दीवारों पर बचों को आकर्षित कार्टून बनाए गए। गतिविधि आधारित हॉल का परिवर्तन कर उसमें भी कार्य करवाए गए व विद्यालय में आफि स में भी कार्य करवाया गया। विद्यालय के हॉल व आफि स को भी निखार दिया गया।