नागौर. गांव हो या शहर बहुमंजिला इमारतें बनाने का काम सब जगह नजर आ ही जाता है। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा गांव हैं जहां पर ये काम पिछले 500 सालों से नहीं हो रहा है। ये गांव नागौर जिले का पांचला सिद्धा गांव है। इसके पीछे का रहस्य जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, क्योंकि यह दैवीय शक्ति से जुडा़ मामला है। दरअसल ग्रामीणों की मान्यता अनुसार जसनाथ महाराज के अनुनायी शिष्य दूदोजी महाराज के लिए मेवाड़ का महराणा जगन्नाथसिंह ने गढऩुमा मंदिर निर्माण करवाया था। उस वक्त दूदोजी महराज के लिए मालिये (घर की छत पर बना कमरे) का निर्माण करवाया गया। उसी परपंरा को ग्रामीणों की ओर से भी निर्वहन किया जा रहा है।
ग्रामीण प्रेमनाथ ने बताया किदूदोजी महाराज से ग्रामीण ऊपर जाना नहीं चाहते हैं, जसनाथ के शिष्य दूदोजी महाराज के मंदिर का निर्माण जगन्नाथसिंह ने परकोटे का निर्माण करवाया। उस समय दूदोजी के लिए इस मालिये (घर की छत पर बना कमरे) का निर्माण करवाया। प्रेमनाथ ने बताया कि दूदोजी महराज के बराबर कोई भी ग्रामीण मकान नहीं बनाना चाहता है, क्योंकि लोगों का मानना है कि भगवान से बड़ा इंसान नहीं हो सकता और कई लोगों को मानना है कि दूदोजी की दैवीय शक्ति के कारण गांव में डबल मंजिल मकान बनाना सफल नहीं है।
लोगों को होता है नुकसान
बताया जाता है कि अगर कोई व्यक्ति दो मंजिला मकान बना लेता है तो वो किसी कारण से पूरा नही हो पाता है। ग्रामीणों का मानना है कि दूदोजी महाराज के मकान से लंबा अगर कोई मकान बनाते है तो दैवीय शक्ति की वजह से उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस कारण से भी लोग दो मंजिला मकान नहीं बनाते है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर किसी ने गांव में दो मंजिला मकान बनाया तो घर में जनहानि, माल हानि, अशांति व अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नहीं दिखते दो मंजिला मकान
मंदिर परिसर में बहुमंजिला बिल्डिंग बनी हुई है क्योंकि यहां मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति मंदिर से जुड़ी जमीन पर अगर मंजिलों का निर्माण करवाता है तो उसे कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन मंदिर से कुछ ही दुरी के बाद आपको यहां गांव में एक मंजिला घर ही नजर आएंगे।
