जयपुर. राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण विभाग में अधिकारी आपस में लाखों रुपए की रिश्वत का लेन-देन कर रहे हैं। पहले नोटिस देकर अधीनस्थ अफसरों को परेशान किया जाता है और फिर राहत देने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली की जाती है। लाखों रुपए के लेन देन से जुड़ी सूचना एसीबी तक पहुंची थी। फिर एसीबी ने संदिग्ध अफसरों के मोबाइल सर्विलांस पर ले लिए। 6 सितंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई कर सार्वजनिक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर सहित तीन अफसरों को 10 लाख रुपए का लेन-देन करते गिरफ्तार कर लिया।
10 लाख रुपए की रिश्वत का है मामला
एंटी करप्शन ब्यूरो के एडिशनल डीजी हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग जयपुर में तैनात चीफ इंजीनियर (भवन) सुबोध कुमार मलिक, डूंगरपुर के अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) जितेन्द्र कुमार जैन और बांसवाड़ा के सहायक सहायक अभियंता (एईएन) अनंत कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है। चीफ इंजीनियर सुबोध मलिक के निर्माण नगर जयपुर स्थित आवास पर रिश्वत के लेन देन पर कार्रवाई की गई। इस दौरान चीफ इंजीनियर को बांसवाड़ा के एईएन के जरिए बांसवाड़ा के एक्सईएन से 10 लाख रुपए की रिश्वत ली जा रही थी। एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने वाले के साथ देने वाले अफसर और बिचौलिए अफसर को भी गिरफ्तार कर लिया। 10 लाख रुपए की रिश्वत राशि भी एसीबी की ओर से जब्त कर ली गई है।
गुप्त सूचना पर एसीबी का एक्शन
एसीबी को पिछले दिनों एक गुप्ता सूचना मिली कि पीडब्ल्यूडी में अफसरों के बीच रिश्वत का बड़ा लेन-देन होने वाला है। इसके बाद एसीबी की टीम ने संदिग्ध अफसरों के मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लिए गए। तकनीकि आधार पर सभी संदिग्ध अफसरों की हर गतिविधियों पर निगरानी भी रखी जाने लगी। तकनीकि जांच के दौरान रिश्वत का लेन-देन किए जाने की पुष्टि हो गई। एसीबी को जानकारी मिली कि बुधवार को चीफ इंजीनियर के जयपुर आवास पर रिश्वत का लेन-देन होगा। इसके बाद एसीबी के डीआईजी रणधीर सिंह के सुपरविजन में एडिशनल एसपी ललित कुमार शर्मा के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया और तीनों अफसरों को गिरफ्तार कर लिया।
आखिर चीफ इंजीनियर ने क्यों ली एक्सईएन से रिश्वत
एसीबी के मुताबिक विभाग के चीफ इंजीनियर ने कुछ माह पहले डूंगरपुर के एक्सईएन जितेन्द्र कुमार जैन को विभागीय नोटिस जारी किया था। नोटिस के जरिए किसी प्रकरण में जैन से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जैन इससे बचना चाह रहे थे। बाद में नोटिस पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार मलिक ने बांसवाड़ा के सहायक अभियंता (एईएन) अनंत कुमार गुप्ता के मार्फत जितेन्द्र कुमार जैन 10 लाख रुपए की मांग की थी। जैन रिश्वत देने के राजी हो गए। बाद में जितेन्द्र जैन के साथ अनंत कुमार गुप्ता जयपुर आकर सुबोध मलिक को रिश्वत दी जा रही थी। एसीबी इन तीनों ही अफसरों के ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई कर रही है।
