ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बताया कि यह बडे ही गौरव का विषय हैं राज्य के कृषक अपनी बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर कुसुम-ए योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के जरिए आय के नए स्त्रोत पैदा कर रहे है। डॉ. कल्ला के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा बजट घोषणा 2019-20 में प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें से अब तक 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए जा चुके हैं।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); प्रतिवर्ष 35 लाख यूनिट का होगा उत्पादन
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने परियोजना के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि इस प्रोजेक्ट से अनुमानित 35 लाख युनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा जिसे जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा रूपये 3.14 प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्ष तक क्रय किया जाएगा। जिससे विकासकर्ता कम्पनी को लगभग 1.10 करोड का राजस्व प्रतिवर्ष प्राप्त होगा तथा साथ ही भूमि मालिक कृषक को भी नियमित आय प्राप्त होगी । डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कुसुम कम्पोनेन्ट -ए योजना के अन्तर्गत प्रदेश में आगामी माह मे 5 और नई परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा।
विद्युत क्रय अनुबंध साइन किए
प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा दिनेश कुमार ने इस योजना के क्रियान्वयन के बारे में बताया कि कुसुम कम्पोनेन्ट-ए का क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम, संबंधित डिस्कॉम तथा राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के संयुक्त तत्ववाधान से किया जा रहा हैं तथा प्रथम चरण मे 623 सौर ऊर्जा उत्पादको एसपीजी व में से 205 सौर ऊर्जा उत्पादकों द्वारा परियोजना सुरक्षा राशि जमा करा दी गई है। इनमे से 175 एसपीजी ने विद्युत क्रय अनुबन्ध साइन कर लिये हैं।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में मिलेगा सहयोग
प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन से स्थानीय कृषकों की बंजर एवं अनुपयोगी भूमि से आय के नए स्त्रोतों का विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि, विद्युत वितरण निगमों की विद्युत छीजत में कमी के साथ-साथ राज्य में प्रदूषण रहित एवं स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
