नई दिल्ली. हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में दुनिया के साथ भारत भी पर्यावरण के संरक्षण के लिए तेजी से काम कर रहा है। चाहे वो धरती, जल हो या फिर वायु हर मोर्चे पर पर्यावरण को बचाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। वहीं भारतीय रेलवे भी पीछे नहीं है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे पर तेजी से काम हो रहा है। भारतीय रेलवे के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समय तय किया है।
On #WorldEnvironmentDay, let us reaffirm our pledge to restore our ecosystems & protect our biodiversity ????
Realising its role, Indian Railways has taken several initiatives to become Green Railways:
♻️ Electrification
♻️ Renewable Energy Usage
♻️ Eco-Friendly Solutions pic.twitter.com/VHljKgwqrY
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 5, 2021
रेलवे के मुताबिक 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य किया जाएगा। इसको लेकर भारतीय रेलवे ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर बयान भी जारी किया है। इसके मुताबिक, रेल नेटवर्क को विद्युतीकृत किया जा रहा है। 2014 के मुकाबले यह काम 10 गुना ज्यादा हुआ है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और इससे प्रदूषण में कमी आई है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); यात्रा सुखद बनाने का प्रयास
रेलवे के मुताबिक, ब्रॉडगेज को भी दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत करने की योजना है। इसके साथ ही हेड ऑन जेनेरेशन प्रणाली, बॉयो टॉयलेट और एलईडी लाइटों को लगाया जा रहा है, ताकि यात्रा ज्यादा सुखद बनाया जा सके। इलेक्ट्रिक इंजन से कई फायदे हुए हैं। जैसे डीजल पर निर्भरता कम होने से विदेशी मुद्रा की बचत, कार्बन उत्सर्जन में कमी। ट्रेन परिचालन की लागत में कमी, समय की बचत आदि। इसको लेकर रेलवे ने जुलाई, 2016 में भारतीय उद्योग संघ से एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए थे। इसका उद्देश्य था भारतीय रेलवे में हरित उपायों को अपनाना। इसके तहत कुल 39 कार्यशालाओं, सात उत्पादन इकाइयों, आठ लोको शेड और एक स्टोर को ग्रीन को प्रमाणपत्र मिला है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); इतने स्टेशनों को आईएसओ प्रमाण पत्र दिए
भारतीय रेलवे ने बीते दो वर्ष में 600 से ज्यादा स्टेशनों को जबकि अब तक कुल 718 स्टेशनों को आईएसओ: 14001 प्रमाण पत्र दिए गए। ये आईएसओ: 14001 प्रमाण पत्र उन स्टेशनों को दिए जाते हैं जो पर्यावरण मानकों को अपनाने में खरे उतरे हैं।
राजधानी में रैपिड कॉरिडोर की शुरुआत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अगले दो वर्षों में दिल्ली और मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए निर्माण में तेजी आर्ई है। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली में एलेवेटेड सेक्शन का पहला खंभा बन चुका है, जो न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन के पास है। ये एलेवेटेड आरआरटीएस सेक्शन सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन से शुरू होगा और न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन तक पहुंचने के लिए यमुना नदी पार करते हुए बारापुला फ्लाईओवर के ऊपर से गुजरेगा। इस खंभे की ऊंचाई 6.5 मीटर है।
Indian Railways is working in mission mode to become the 'Largest Green Railways' in the world and is moving towards becoming a 'net zero carbon emitter' before 2030! #TransformingIndia pic.twitter.com/TJr4IUiA2g
— MyGovIndia (@mygovindia) June 4, 2021
हर वर्ष 10 लाख पौधरोपण
Indian Railways is working in mission mode to become the 'Largest Green Railways' in the world and is moving towards becoming a 'net zero carbon emitter' before 2030! #TransformingIndia pic.twitter.com/TJr4IUiA2g
— MyGovIndia (@mygovindia) June 4, 2021
पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से रेलवे भी तेजी से काम कर रहा है। सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे ने हर वर्ष 8 से 10 लाख पौधा रोपण का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि रेलवे स्टेशनों से लेकर रेलवे निवासों में रहने वाले रेल कर्मी भी पौधरोपण कर रहे हैं।
