
बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को लागू करने के लिए वे प्रतिबद्ध है। हाईकोर्ट के आदेश को हर स्तर पर पहुंचाने और इसे लागू करने में उनका सहयोग लेने का प्रयास किया जा रहा है। महाविद्यालय स्तर पर प्राचार्यों एवं समितियों ने भी प्रयास किए हैं। हमने कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के कार्यान्वयन पर सभी धर्मगुरुओं, विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक की है। राज्य सरकार ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक एवं सदन में पार्टी के उप नेता यू.टी. खादर द्वारा हिजाब विवाद का मुद्दा उठाये जाने पर ये बात कही। कांग्रेस सदस्य ने अदालत के आदेश को जमीनी स्तर पर लागू करने के दौरान भ्रम की स्थिति और इसकी व्याख्या को लेकर चिंता जताई।
कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे. सी. मधुस्वामी ने सरकार की ओर से कहा, खादर द्वारा उठाये गये मुद्दे पर शिक्षा मंत्री जवाब देंगे, लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार अदालत का आदेश लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
#HijabRow | Educational institutions have the responsibility to implement HC order. Efforts are on to convey the HC order at all levels &seek their cooperation in its implementation. At college level, Principals & committees have put in efforts: Udupi Dy Commissioner, M Kurma Rao pic.twitter.com/4ldIN2Vp41
— ANI (@ANI) February 15, 2022
इधर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता खादर ने हिजाब विवाद पर कहा कि आजकल शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति दुखद है और चूंकि यह विषय अदालत के पास है, वह इसके विस्तार में नहीं जाना चाहते हैं। लेकिन मैं इस कारण यह मुद्दा उठा रहा हूं कि अदालत के आदेश (अंतरिम आदेश) के बाद हमने मीडिया में आई खबरों में देखा कि शिवमोगा जिले में कुछ स्कूलों ने छात्राओं को (हिजाब पहने होने को लेकर) 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की तैयारी से जुड़ी जांच परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी।
विधायक ने इस बात का जिक्र किया कि अदालत के आदेश और जमीनी स्तर पर जो कुछ लागू किया जा रहा, उसे लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है। जब अदालती आदेश कॉलेजों के बारे में है, तो इसे स्कूलों में लागू किया जा रहा है। यहां तक कि प्राथमिक विद्यालयों में भी, इसलिए भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि जब आदेश छात्राओं के ड्रेस कोड को लेकर है, इसकी गलत व्याख्या की जा रही है। यहां तक कि शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों को भी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं दी जा रही, जिससे भ्रम पैदा हो रहा है।
कांग्रेस विधायक ने कहा, सरकार का कर्तव्य शिक्षा प्रदान करना है और शिक्षा प्रदान करने में बाधा पैदा करना नहीं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकारों, अनुशासन और नियमों के बीच के मुद्दों पर अदालत फैसला करेगी। कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने जब इस मुद्दे पर बोलना चाहा, तब विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने उन्हें अनुमति नहीं दी और कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया गया है।