
श्रीनगर. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर अब जम्मू कश्मीर में भी नजर आने लगा है। अमेरिकी सैनिकों की ओर से अफगानिस्तान में छोड़े गए अत्याधुनिक हथियार अब गुलाम कश्मीर के रास्ते कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचने लगे हैं। अफगानी भाषी आतंकी और अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर लडऩे वाले लश्कर और जैश के आतंकी गुलाम कश्मीर में नजर आने लगे हैं। यही नहीं जो आतंकी ट्रेनिंग सेंटर पहले बंद हो चुके थे वे अब फिर से संचालित होने लगे हैं। लेकिन, किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हमने सभी आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी कर रखी है। सभी को पता होना चाहिए यह अफगानिस्तान नहीं, कश्मीर है और कश्मीर में लोग सिर्फ शांति चाहते हैं।
यह बात शनिवार को सेना की डैग्गर डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने बारामुला में पत्रकारों के साथ बातचीत में कही। डैग्गर डिवीजन गुलमर्ग, उड़ी और उसके साथ सटे इलाकों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है।
मेजर जनरल चांदपुरिया ने कहा कि बीते कुछ महीनों के दौरान उत्तरी कश्मीर में सेना ने घुसपैठ और हथियारों की तस्करी के कई प्रयास नाकाम कर दिए। इस दौरान बरामद हथियारों व सैन्य साजो सामान में कुछ ऐसे हैं, जो अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज की ओर से छोड़े गए हैं। इनमें अत्याधुनिक नाइट विजन डिवाइस, संचार उपकरण, मशीनगन और एसाल्ट राइफल्स भी शामिल हैं। इसलिए कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के पास भी कुछ ऐसे हथियार होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
चांदपुरिया ने कहा कि एलओसी पर संघर्ष विराम की बहाली के बावजूद पाकिस्तानी सेना के सहयोग से आतंकियों ने कई बार घुसपैठ का प्रयास किया है, लेकिन हर बार इसे नाकाम बनाया है। कई घुसपैठियों को तो एलओसी पर ही मार गिराया गया। इसी दौरान हमें पता चला है कि आतंकी अमेरिकी सैनिकों की ओर से अफगानिस्तान में छोड़े गए अमेरिकी हथियारों व उपकरणों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
चांदपुरिया ने कहा कि तालिबान ने बीते साल जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो अमेरिकी सैनिक वहां करीब छह लाख छोटे अत्याधुनिक हथियार और रात के अंधेरे में स्पष्ट देखने में समर्थ अत्याधुनिक दूरबीन, जिन्हें हम नाइट विजन डिवाइस कहते हैं, छोड़ गए थे। यह सामान तालिबान के कब्जे में है। एलओसी पर मारे गए आतंकियों से भी कुछ ऐसे हथियार मिले हैं। इसके अलावा गुलाम कश्मीर से तस्करी कर कश्मीर भेजे गए हथियारों का जो जखीरा बरामद हुआ है, उनमें भी अमेरिकी हथियार थे।