
नई दिल्ली, एएनआई. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। युद्ध की स्थिति को देखते हुए फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव की स्थिति है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। कीव में स्थित दूतावास ने भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोडऩे की एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कीव स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से यक्रेन की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सभी भारतीय छात्रों और नागरिकों को संकटग्रस्त यूक्रेन को अस्थायी रूप से छोडऩे के लिए कहा है। एडवाइजरी में ये भी कहा है कि भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे चार्टर्ड फ्लाइट के अपने कॉन्ट्रैक्टर से लगातार संपर्क में रहें। साथ ही दूतावास के फेसबुक, वेबसाइट और ट्विटर पर दिए जा रहे अपडेट्स पर भी पूरी तरह से नजर रखें।
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— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 20, 2022
जर्मनी व आस्ट्रिया ने भी यूक्रेन छोडऩे की बात कही
इस उपजे तनाव का असर जर्मनी और आस्ट्रिया पर भी है। दोनों ही देशों ने युद्ध की आशंका को ध्यान में रखते हुए अपने नागरिकों को यूक्रेन छोडऩे की बात कही है। जर्मन विमानन कंपनी लुफ्थांसा ने राजधानी, कीव और ओडेसा के लिए उड़ानें रद्द कर दी है। कीव में नाटो के संपर्क कार्यालय ने कहा कि यह कर्मचारियों को ब्रुसेल्स और पश्चिमी यूक्रेन शहर लविव में स्थानांतरित कर रहा है।
इनके बीच हुई गोलाबारी
वहीं, यूक्रेन के सैनिकों और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच गोलाबारी हुई और पूर्वी यूके्रन में हजारों लोगों को निकाला गया है। इससे रविवार को यह आशंका और बढ़ गई कि रूस इस अशांत क्षेत्र में हमला कर सकता है। पश्चिमी देशों के नेताओं ने आगाह किया है रूस अपने पड़ौसी देश यूके्रन पर हमला कर सकता है। उसने तीनों तरफ सीमा के लगभग 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान तैनात कर रखा है। रूस ने शनिवार को पड़ौसी देश बेलारूस में परमाणु अभ्यास किया और काला सागर तट के पास उसके नौसैनिकों का युद्धाभ्यास चल रहा है।
बैठक कर संकट का हल निकालने का दिया प्रस्ताव
अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने आशंका जताई है कि रूस हमला करने के बहाने तलाश रहा है। पश्चिमी देशों ने हमले की स्थिति में तत्काल प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है। यूके्रन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बैठक करके संकट का हल निकालने का प्रस्ताव दिया। जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, ‘मैं नहीं जानता कि रूस के राष्ट्रपति क्या चाहते हैं। इसलिए, मैं उन्हें मुलाकात का प्रस्ताव देता हूं। जेलेंस्की ने कहा कि रूस बातचीत के लिए स्थान का चयन कर सकता है। यूके्रन के राष्ट्रपति ने कहा, संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिये यक्रेन केवल कूटनीति के रास्ते पर चलता रहेगा। जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर रूस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जेलेंस्की ने यह प्रस्ताव ऐसे समय में दिया है, जब पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी नेताओं ने क्षेत्र में हिंसा बढऩे और इसकी आड़ में रूस के आक्रमण करने को लेकर पश्चिमी देशों की आशंका के बीच शनिवार को पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया।