
बीकानेर. दो दिन पहले केन्द्रीय कारागार में बैरक में जगह को लेकर बंदियों में हुई कहासुनी ने झगड़े का रूप ले लिया। इस दौरान एक बंदी के गंभीर चोटें आई है। जिसे पीबीएम अस्पताल भर्ती करवाया गया। झगड़े की सूचना मिलने के बाद पर जेल अधीक्षक सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले को संभाला। जानकारी के अनुसार दो दिन पहले ही केन्द्रीय कारागार में विचाराधीन बंदी हंसराज, गुरजीत सिंह एवं रघुवीर सिंह जेल में पहले से हैं। इनकी विचाराधीन बंदी नागौर निवासी दिनेश उर्फ विक्की से जगह को लेकर आपस में बोलचाल हो गई। उस समय तो मामला सुरक्षाकर्मियों ने सुलझा दिया। रविवार दोपहर में साढ़े तीन बजे तीनों बंदियों ने एकराय होकर उन्होंने दिनेश पर हमला बोल दिया। तीनों बंदियों ने दिनेश से मारपीट की। लाठी व एक नुकीले धारदार हथियार से उस पर हमला कर दिया। बंदियों ने दिनेश की पीठ में नुकीले हथियार से कई जगह वार कर दिए। जिससे वह गंभीर घायल हो गया। उसकी आंख पर भी चोटें आई। इस घटना से जेल में भी अफरा-तफरी मच गई। शोर-शराबा सुनकर सुरक्षाकर्मी व जेल अधिकारी बैरक के पास पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों व जेल अधिकारियों ने बैरक का ताला खोलकर दिनेश को छुड़वाया। मारपीट करने वाले बंदियों को दूसरे वार्ड में बंद किया। घायल बंदी का जेल स्थित अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद पीबीएम अस्पताल भिजवाया।
थाने में दर्ज है मामला
जेल अधीक्षक आर. अनंतेश्वरन ने बताया कि घायल बंदी दिनेश ने बंदी हंसराज, गुरजीतसिंह व रघुवीर सिंह के खिलाफ जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया है। तीनों बंदियों ने एक लोहे की किसी चीज को नुकीला जैसा बनाकर दिनेश की पीठ पर हमला कर दिया था। पीठ में कई जगह घाव हैं। घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
जेल में की चार घंटे चेकिंग
जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदियों के झगडऩे और लोहे की नुकीली चीज से वार करने पर एहतिहात के तौर पर सुरक्षा प्रहरियों, आरएसी जवानों व अधिकारियों के साथ जेल की सभी बैरकों की साढ़े चार घंटे तक चेकिंग की। जेल में किसी बंदी के पास कोई हथियार या अन्य कोई नुकीली चीज न हो। चार घंटे की तलाश के दौरान बंदियों के पास कुछ नहीं मिला। मामले की नजाकत देखते हुए तीनों बंदियों को अलग वार्ड में रखा है, जिन पर निगरानी बढ़ा दी है।
बीकानेर जेल में पहले भी हो चुके हैं झगड़े
- 28 जून 2013 को भी तीन बंदियों की दर्दनाक हत्या हुई थी। पवनकुमार, मूलाराम और करनैलसिंह को मुस्लिम उर्फ रामसिंह नाम के एक कैदी ने ईंट से पीट-पीटकर मार डाला था। इस दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले मुस्लिम उर्फ रामसिंह मानसिक रोगी बताया गया। इसी वारदात में बीच-बचाव करने आए प्रहरी तरसैमसिंह और सीओ बंदी छाजूराम भी घायल हुए थे।
- 24 जुलाई, 2014 को जेल में कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और एक अन्य गुट के बंदी आपस में भिड़ गए । एक गुट के बंदियों ने गोली चलाई, जिससे आनंदपाल का साथी बलवीर बानूड़ा मारा गया। दूसरे गुट ने ईंट, पत्थरों से दो बंदी जयप्रकाश और रामपाल को मार डाला।
- अप्रेल 2019 में जेल में धूम्रपान को लेकर बंदी और सुरक्षा प्रहरी भिड़े। तब सजायाफ्ता बंदी सुरेन्द्र ने जेल प्रहरी पर ब्लेड से हमला कर घायल कर दिया था। हमले में प्रहरी की अंगुलियां में कट लगा था।
- आठ मार्च, 2020 को दो बंदियों में झगड़ा हुआ। बंदी शंकरलाल बिश्नोई पर हमला कर दिया। बंदी का हाथ तोड़ दिया था।