
रूस-यूक्रेन के बीच का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। हालात ऐसे उपज गए हैं कि अब स्थिति युद्ध की ओर बढ़ गई है। इस बीच यूक्रेन ने पूरे देश में आपातकाल लागू करने का ऐलान कर दिया है। यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र से रूसी हमले के खतरे को ध्यान मे रखते हुए आपात बैठक बुलाने की अपील की है। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने फिर आपात बैठक बुलाई है। यूके्रन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने शांति के लिए पुतिन से बातचीत का एक प्रयास किया था। कहा जा रहा है कि रूसी सैनिक फिलहाल सीमा पर तैनात हैं। मॉस्को यूरोप में एक भीषण युद्ध शुरू कर सकता है। आपको बता दें कि इस समय पूरी दुनिया की नजरें रूस और यूक्रेन पर हैं। दोनों देशों में युद्ध की स्थिति बन चुकी है।
भारत ने कहा-हम तत्काल डी-एस्केलेशन का आह्वान करते हैं
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी की बैठक में कहा कि हम तत्काल डी-एस्केलेशन का आह्वान करते हैं। स्थिति बड़े संकट में तब्दील होने की स्थिति में है। अगर इसे सावधानी से नहीं संभाला तो यह सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। इसलिए सभी पक्षों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र, सहित सभी भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
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ब्रिटेन बोला, दुनिया शांति की मांग कर रही, रूस नहीं सुन रहा
ब्रिटेन के प्रतिनिधि ने यूक्रेन- रूस संकट पर कहा कि हम रूस से युद्ध टालने का आह्वान करते है। यूके्रन के सिर पर बंदूक लिए रूस, अब ट्रिगर दबाने पर है। पुतिन की एक उंगली के इशारे के बाद जारी हो रहा संघर्ष अत्यधिक पीड़ा, हताहत करने वाला हो सकता है। दुनिया शांति की मांग कर रही है लेकिन रूस सुनने को तैयार नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा-रूस हमले को रोके
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि दरअसल रूस की ओर से एक ऑपरेशन तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने सैनिकों को यूके्रन पर हमला करने से रोकें, शांति को एक मौका दें।
अमेरिका ने कहा-हम रूस की कार्रवाई का एकता के साथ जवाब देंगे
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि हम रूस की कार्रवाई का एकता के साथ जवाब देना जारी रखेंगे। हम यहां रूस को रुकने, अपनी सीमा पर लौटने, सैनिकों को वापस बैरक में भेजने के लिए कहने आए हैं। अपने राजनयिकों को वह वार्ता की मेज पर लाएं। रूस ने सचमुच यूके्रन की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
क्या है डी-एस्केलेशन
डी-एस्केलेशन की बात करें तो इसका संदर्भ होता है कि किन्हीं दो देशों के बीच तनाव को उसकी तीव्रता को कम करना। अर्थात आसान भाषा में कहें तो युद्ध की स्थितियों को टालना, उसके लिए तनाव को कम करने के लिए जो कदम उठाए जाते हैं। डी-एस्केलेशन का अर्थ संघर्ष, निरस्त्रीकरण और विरोधियों के बीच रचनात्मक राजनयिक वार्ता की स्थापना के क्षेत्र में पडऩे वाले क्षेत्रों की सीमाओं की एक संकुचन है।
पुतिन बोले- हम यूके्रन पर कब्जा नहीं करना चाहते
इधर इस विवाद के बीच रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि हम यूके्रन पर कब्जा नहीं करना चाहते। हमारी नीति स्वतंत्रता पर आधारित है। नाटो और अन्य देश यूके्रन में नियो नाजी को समर्थन दे रहे हैं। वे बढ़ रहे हैं और यूके्रन की सीमा तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस यूके्रन को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पुतिन से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। इसलिए ये चिंता का विषय बना हुआ है।
यूरोप में कई इलाकों में बम विस्फोट
पुतिन के इस आदेश के बाद यूके्रन के कई इलाकों में बम विस्फोट की आवाजें सुनी जा रही हैं। इससे पहले यूके्रन के राष्ट्रपति वलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस के करीब दो लाख सैनिक और हजारों की तादाद में युद्धक वाहन यूके्रन की सीमा पर मौजूद है। उन्होंने चेताया कि रूस की सेना शीघ्र यूरोप में एक भीषण युद्ध की शुरुआत कर सकती है। यूके्रन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके बातचीत के न्यौते के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और आक्रामक अभियान को मंजूरी दे दी है।