
रूस और यूक्रेन के बीच जंग पूरे चरम है। रूस ने यूक्रेन को चारों तरफ से घेरकर हमले जारी किए हुए है। वहीं कई देश ऐसे भी हैं जो धीर-धीरे अब यूक्रेन की मदद करने को आगे आने लगे हैं। जर्मनी सरकार ने शनिवार को पुष्टि की है कि उसने यूक्रेन को एंटी टैंक हथियार भेजने को मंजूरी प्रदान कर दी है। रूस के लिए स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली पर कुछ प्रतिबंधों का समर्थन किया है। जर्मन आर्थिक और जलवायु मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि नीदरलैंड को जर्मनी में निर्मित 400 एंटी टैंक हथियारों को यूक्रेन भेजने के लिए मंजूरी दी जा रही है। जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा कि यूके्रन पर रूस का हमला एक अहम घटना है। इससे हमारी युद्ध उपरांत व्यवस्था को खतरा है। इन परिस्थितियों में हमारा दायित्व है कि हम व्लादिमीर पुतिन की आक्रामक सेना से लडऩे के लिए यूके्रन की मदद करें। एएफपी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी यूक्रेन को 1,000 एंटी टैंक हथियार, 500 स्टिंगर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल भेजेगा। जबकि फ्रांस यूक्रेन को और सैन्य उपकरण प्रदान करेगा। यही नहीं वह रूस के खिलाफ प्रतिबंध भी लगाएगा। एएफपी ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय के हवाले से ये जानकारी दी है।
अमेरिका ने 350 मिलियन डॉलर जारी करने का किया ऐलान
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सैन्य सहायता के लिए 350 मिलियन डॉलर जारी करने का ऐलान कर दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को बाइडेन ने निर्देश दिया कि विदेशी सहायता अधिनियम के तहत मदद जारी की जाए. सहायता राशि यूक्रेन की रक्षा को मद्देनजर रखते हुए दी जाएगी, ताकि उनकी सैन्य सहायता की जा सके। अमेरिका की तरफ से ये मदद तब आई है, जब यूक्रेन भारी संकट में दिख रहा है।
इससे पहले अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को ऑफर दिया था कि वो देश छोड़ सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि उन्हे सवारी की जरूरत नहीं है और अगर देना चाहते हैं तो गोला-बारूद दें। उन्होंने कहा था कि मैं भागने वालों में से नहीं हूं। हालात कैसे भी हों, मैं देश छोड़कर नहीं भागने वाला नहीं।