
चूरू. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का आज छठा दिन है। यहां पर हजारों की तादाद में भारतीय विद्यार्थी फंसे हुए हैं। जहां पर वे मेडिकल के विद्यार्थी है। उनके ये छह दिन ऐसे बीते हैं। जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हर दिन रूस के हमले तेज हो रहे हैं। रूस ने बमबारी तेज कर दी है। लाखों की संख्या में यूक्रेन को रूस की सेना ने घेर रखा है। लेकिन दोनों की ओर से एक दूसरे पर जवाबी हमले किए जा रहे हैं। दिन हो या रात। जैसे ही सायरन की आवाज बजती है तो यहां रह रहे भारतीयों का दिल दहल जाता है। हालात तो ऐसे उपज गए हैं कि यहां के लोग अब कैंपों में रहने को मजबूर है। फाइटर विमान तेजी के साथ उड़ रहे हैं। एक के बाद एक बमबारी की जा रही है। कुछ ऐसे ही हालातों के बारे में राजस्थान के चूरू जिले में पहुंचे विद्यार्थियों ने इसे बयां किया है। जिले के कई विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने ये मंजर अपनी आंखों से देखा है। रामगढ़ शेखावाटी का सैयद अकरम यूके्रन शहर में उदग्रोड में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस फाइनल कर चुका है। वह भारत की आठवीं फ्लाईट से हंगरी के बुडापोस्ट से दिल्ली पहुंचा और सुबह चार बजे ट्रेन से वह वतन लौटा। उसने यूके्रन के हालात बयां करते हुए बताया कि वहां रह रहा हर विद्यार्थी भय के साये में जीने को मजबूर है। भारतीय एबेंसी की ओर से भारतीय लोगों के लिए लगातार गाइडलाइन जारी की जा रही है। वहीं विद्यार्थियों के अभिभावक भी एंबेसी से संपर्क बनाए हुए हैं। यह युवक जैसे ही चूरू पहुंचा तो खानका ए कादरिया के पीठाधीश्वर सैयद अबरार हुसैन कादरी, सैयद मोहम्मद असलम, आले हसन, ताबिश हुसैन, मोहम्मद सलीम आदि ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इधर यूक्रेन से तारानगर के भाई-बहन भी वतन लौट आए हैं। उन्होंने भी आंखों देखा मंजर बयां किया है। तारानगर के डॉक्टर दुलाराम जो पशुपालन विभाग में सेवानृवित उपनिदेशक रहे हैं। उनके बेटे नवीन व बेटी रुचि घर पहुंचे हैं।
भारतीय कैंपों के पास गिर रहे थे बम, बढ़ गई धड़कने
तारानगर निवासी नवीन ने बताया कि वह इवानो शहर में पढ़ाई करता है। पहले यूक्रेन सरकार की ओर से हालात सामान्य बताए जा रहे थे। अचानक रूस ने हमला कर दिया तो चिंता गहरा गई। रूस ने ताबड़तोड़ यूके्रन में बमबारी शुरू कर दी। इस घटना से दिल दहल गया। देखते ही देखते यूक्रेन में हालात खराब हो गए। बिगड़ती स्थिति के कारण उन्हे वहां से स्वदेश लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि भारतीय विद्यार्थी कैंपों में निवासरत है। भारतीय दूतावास की ओर से उन्हे स्वदेश पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार की ओर से भेजी जा रही फ्लाइट से भारतीय विद्यार्थियो को हंगरी के बुडापोस्ट से लाया जा रहा है। यूक्रेन से भारतीय अधिकारी हमें रोमानिया बॉर्डर तक लेकर पहुंचे। यहां पर राजस्थान के नोडल अधिकारी व भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने खाने-पीने की व्यवस्था कराई। बाद में एयर इंडिया के विमान से भारत भेजा गया। उन्होंने बतायाकि बम बहुत नजदीक गिर रहे थे तो हमें भी बहुत चिंता हो रही थी। भारत सरकार के बैकग्राउंड के बारे में हमें मालूम था पहले भी हमने भारत सरकार के प्रयासों को देखा है उनका इतिहास देखा है। उन्होंने भारत सरकार, एम्बेसी अधिकारी और मीडिया का धन्यवाद दिया।
700 विद्यार्थी फ्लाइट से भारत पहुंंचे
तारानगर की रूचि ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश थे कि जितना जल्दी हो सके यूक्रेन को छोड़ दिया जाए। लेकिन सबकुछ इतनी जल्दी हो गया कि समझने का मौका ही नहीं मिला। रूस ने अचानक बमबारी शुरू की तो मानसिक तनाव उत्पन्न हो गया। रूस की सेना लगातार बमबारी कर रही है। इस अवधि में सबसे बड़ा सहारा भारतीय दूतावास बना। भारत सरकार व दूतावास ने विद्यार्थियों को वतन पहुंचाने में काफी मदद की। रुचि ने बताया कि यूक्रेन में भारत के करीब 20 हजार स्टूडेंटस पढ़ाई कर रहे हैं। वर्तमान में वहां की स्थितियां खराब हैं। हम जिस फ्लाईट में आए उसमें भारत के 700 बच्चे थे। लेकिन अभी भी यूक्रेन में 16 हजार बच्चे फंसे हुए हैं।