
नई दिल्ली, एएनआइ. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान भारत भी अपनी ताकत दिखाएगा। इसको लेकर भारतीय वायुसेना भी तैयार है। वायुसेना पोखरण फायरिंग रेंज में सात मार्च को युद्धाभ्यास करेगी। इस दौरान वायुसेना अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगी। वायुसेना के इस कार्यक्रम को वायु शक्ति नाम दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। राफेल सहित 150 विमान वायु शक्ति अभ्यास में शामिल होंगे। आकाश में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले साल 2019 में वायुसेना ने ये अभ्यास किया था। तीन साल में एक बार क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाता है। इसमें हेलीकाप्टर, लड़ाकू विमान, परिवहन और सपोर्ट सिस्टम शामिल किए जाते हैं। इस बार 150 विमानों में से राफेल सहित 109 लड़ाकू विमान इस अभ्यास में हिस्सा लेने वाले हैं। वायुसेना ने इस अभ्यास की तैयारी पूरी कर ली है।
वाइस चीफ मार्शल संदीप सिंह ने बताया कि अभ्यास में जगुआर, राफेल, सुखोई-30, मिग-29, हल्के लड़ाकू विमान तेजस, मिग-21 बाइसन, हॉक 32, एम200 समेत लड़ाकू विमान आदि शामिल किए जाएंगे। ग्लोबमास्टर सी-17, सी-130 जे हरक्यूलिस, चिनोक, एमआई 17 वी5, एमआई 35 और अपाचे जैसे अन्य विमान भी अभ्यास में अपना करतब दिखाएंगे। आकाश मिसाइल सिस्टम और स्पाइडर मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
तिलपत रेंज में हुआ था पहला अभ्यास
भारतीय वायुसेना ने नई दिल्ली में तिलपत रेंज में 21 जुलाई 1953 को इस तरह का पहला अभ्यास किया था। तिलपत रेंज में 18 मार्च 1989 को अंतिम अभ्यास हुआ था।