
नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब भी जारी है। रूस की ओर से लगातार हमले किए जा रहे हैं। ऐसे में हालत बेकाबू हो गए हैं। इधर यूके्रन में फंसे भारतीय छात्रों को एयरलिफ्ट किए जाने का काम अब भी जारी है। विमान छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंचा है। बच्चों को सामने देख परिजनों की आंखें नम हो गई। आपको बता दें कि वहां फंसे भारतीय लोगों के लिए भारतीय वायु सेना का भी सहारा लिया गया है। सभी को यूके्रन के पड़ोसी देशों के जरिए स्वदेश लाया जा रहा है।
रूस ने इस शहर को किया अवरुद्ध
यूक्रेन के सामरिक बंदरगाह वाले शहर मारियुपोल को रूसी सेना ने अवरुद्ध कर दिया है। इसकी जानकारी वहां के मेयर के हवाले से सामने आई है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो पर निशाना साधते हुए कहा है उसने यूके्रन के शहरों और गांवों पर बमबारी के लिए ग्रीन सिग्नल दिया है। उन्होंने नाटो के उस फैसले का भी विरोध किया है जिसमें यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित किया है।
एएनआई के मुताबिक यूके्रन की द कीव इंडिपेंडें ने कहा है कि यूके्रन पर हमले के बाद से रूस अब तक उस पर 500 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा, रूस प्रतिदिन दो दर्जन की दर से सभी प्रकार की मिसाइलें दाग रहा है।
यूक्रेन को पहुंचाई मदद
भारत ने वायु सेना की मदद से यूक्रेन में 16.5 टन राहत सामग्री पहुंचाई है। तीन विमानों के जरिए करीब 629 लोगों को भारत लाया जा रहा है।यूक्रेन से आपरेशन गंगा मिशन के तहत अब तक 11,000 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है। इस काम में अब भारतीय वायु सेना के विमानों को भी लगाया है। शनिवार को भारतीय वायुसेना का सी-17 एयरक्राफ्ट 210 यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिको को रोमानिया के रास्ते लेकर शुक्रवार देर रात हिंडन एयरबेस पहुंचा है। इंडियन एयरफोर्स की दस फ्लाइट से अब तक करीब 2056 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है।
कीव में धमाके जारी
रूस की ओर से कीव में लगातार धमाके किए जा रहे हैं। रूसी सेना ने यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर शनिवार को ही कब्जा कर लिया था। दूसरी ओर मास्को ने फेसबुक व कुछ विदेशी मीडिया वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। इसके पीछे रूस का तर्क है कि पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बीच उक्त वेबसाइट फर्जी खबरें चला रहे हैं। रूस ने ये भी कहा है कि उसकी सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाले यदि गिरफ्तार हुए तो उन्हें युद्धबंदियों वाले अधिकार हासिल नहीं होंगे। उनके ऊपर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा।