
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बाल-बाल बच गई। उनका विमान दूसरे विमान से टकराते-टकराते बच गया। फिर बनर्जी ने विधानसभा में जानकारी दी कि उनकी जान कैसे बची। ममता बनर्जी ने बताया कि दो दिन पहले उनके निजी विमान में उड़ान के दौरान गड़बड़ी आ गई थी। जिसकी वजह से उनका विमान किसी दूसरे विमान से टकराते-टकराते बच गया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। यही नहीं इसमें मेरी जान भी जा सकती थी। ममता ने बताया कि उनके विमान के सामने एक अन्य विमान आ गया था, लेकिन पायलट की सूझबूझ से दोनों विमानों की टक्कर होने से टल गई.
ममता ने बताया- पायलट की वजह से बच गई जान
ममता बनर्जी ने बताया कि हमारे विमान में उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) से रिपोर्ट तलब की थी। इस घटना में बनर्जी की पीठ और सीने में चोट आई थीं। राज्य सरकार ने डीजीसीए से भी जानना चाहा कि बनर्जी के निजी विमान के मार्ग को मंजूरी दी थी या नहीं। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने के बाद अपने राज्य लौट रही थीं तभी यह घटना हुई।
उन्होंने विधानसभा में संवाददाताओं से कहा कि अचानक से एक अन्य विमान मेरे विमान के सामने आ गया था। अगर 10 सेकंड तक वही स्थिति रहती तो दोनों विमान टकरा जाते। पायलट की मुस्तैदी से मैं बच गई। विमान छह हजार फीट नीचे आ गया था। मुझे पीठ और छाती में चोट आई। अब भी मुझे दर्द है।बनर्जी ने यह भी दावा किया कि उनका विमान किसी एयर पॉकेट में नहीं गया था।
पायलट विमान को नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतारने में कामयाब रहा। मुख्यमंत्री दसॉ फाल्कन 2000 में सवार थीं, जो 10.3 टन वजन का हल्का विमान है। जिसमें दो फ्लाइट अटेंडेंट सहित अधिकतम 19 लोगों को ले जाने की क्षमता है।