
जयपुर. प्रदेश की पांच नॉन अटेनमेंट सिटीज में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोककर स्थिति में सुधार लाने के लिए मंगलवार को परिवहन भवन में समीक्षा बैठक हुई। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित प्रादेशिक और जिला परिवहन अधिकारियों को कई निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पांच शहरों में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने की हम सभी को अहम जिम्मेदारी है। वाहनों से वायु प्रदूषण करने वाले वाहन संचालकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायें।
ओला ने नॉन अटेनमेंट सिटीज (जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अलवर) के आरटीओ और डीटीओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद किया। उन्होंने इन पांच सिटीज से 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों (डीजल) को बाहर करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। साथ ही दूसरे शहरों में संचालन के लिए एनओसी लेने के बावजूद भी नॉन अटेनमेंट एरिया में चल रहे वाहनों पर कार्यवाही के निर्देश दिये।
बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने आरटीओ-डीटीओ को निर्देश दिये कि पुराने वाहनों को बाहर करने की कार्यवाही के साथ-साथ आमजन को ऐसे वाहनों से स्वास्थ्य संबंधित नुकसानों के बारे जानकारी देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आरटीओ-डीटीओ विभिन्न माध्यमों से अभियान चलायें। उन्होंने बताया कि वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण से सबसे ज्यादा बच्चों को नुकसान होता है। उन्होंने 15 साल पुराने वाहनों की पहचान को आसान बनाने के लिए अलग-अलग रंग के प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र जारी करने का सुझाव दिया। साथ ही ऐसे प्रमाण पत्रों को वाहनों के फ्रंट मिरर पर ही लगवाना सुनिष्चित किया जाये।
विभाग आयुक्त महेंद्र सोनी ने सीएनजी और एलपीजी से वाहनों के संचालन, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर राज्य सरकार द्वारा दी जा रही छूट आदि के बारे में आमजन को जानकारी देने के निर्देश दिये। आरटीओ-डीटीओ नॉन अटेनमेंट सिटीज से बाहर होने वाले वाले वाहनों के आंकड़ों का नियमित विशलेषण करें। प्रदूषण जांच केंद्रों का नियमित निरीक्षण करें।
बैठक में विभाग के अपर परिवहन आयुक्त आरसी यादव ने भी सुझाव दिये। संयुक्त परिवहन आयुक्त नानूराम चोयल ने 15 साल पुराने व्यावसायिक (डीजल) वाहनों को बाहर करने संबंधित कार्ययोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।