
जयपुर. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के जांच दल ने शुक्रवार को चित्तोङगढ़ जिले में मैसर्स हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में उपयोग में लिए जा रहे व्हेब्रिज ( धर्मकांटों) की मात्रात्मक शुद्धता की जाँच में दो मशीन में वजन विचलन पाए जाने पर उनके पुन : सत्यापन होने तक बंद किए। मैसर्स बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड में पैकर पंजियन न मिलने व दो अलग-अलग एमआरपी पर सीमेंट का विक्रय किए पाए जाने व टेस्टिंग किट का अभाव होने से विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत किया प्रकरण दर्ज किया।
उदयपुर में भी की गई कार्यवाही
मैसर्स उदयपुर सिमेंट वर्क दबोक की जाँच में सिमेंट के बैग्स में निर्धारित अंकित मात्रा से कम वजन पाए जाने पर 150 बैग के लॉट को रिजेक्ट किया व प्रकरण भी दर्ज किया । इसी प्रकार सॉलकिट डिस्टलरी और बेवरेज प्लांट द्वारा असत्यापित मशीन उपयोग में लिए पाए जाने पर जप्त कर प्रकरण दर्ज किया। प्रकोष्ठ के उपनियंत्रक चंदीराम जसवानी ने बताया कि उपभोक्ताओं के बाट और माप के संबंध में हितों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तरीय पांच दलों का गठन किया गया है। इन जांच दलों द्वारा नियमित कार्यवाही की जाएगी।
विभागीय एप्प ई-तुलामान पर करें आवेदन
उप नियंत्रक ने कहा कि जो फर्म अभी तक असत्यापित बाट या माप का उपयोग कर रहीं हैं, वे सत्यापन के लिए तत्काल स्वयं की एसएसओ आईडी बनाकर विभागीय ऐप ई-तुलामान पर अपना आवेदन स्वयं या ई मित्र के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा ना करना विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।बाट या माप के संबंध में उपभोक्ताओं द्वारा शिकायतें राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 18001806030 एवं ईमेल आईडी stateconsumerhelpline.raj@gmail.com भी दर्ज कराई जा सकती हैं।
