
बुलंदशहर. तीन दिसंबर 2018 को बुलंदशहर जिले के स्याना में हुई हिंसा के मामले में अदालत ने बड़ी कार्रवाई की है। इस हिंसा के 36 आरोपितों पर राजद्रोह के आरोप तय किए गए हैं। उस वक्त यह हिंसा चर्चा में रही थी। अपर सत्र न्यायालय-12 की अदालत ने स्याना हिंसा के आरोपितों पर हिंसा की अन्य धाराओं के साथ राजद्रोह का आरोप बनाया हैं। विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल काउंसिल) यशपाल सिंह राघव ने बताया कि अपर सत्र न्यायालय-12 की न्यायाधीश विनीता विमल ने स्याना हिंसा के 36 आरोपितों पर 124 ए राजद्रोह का आरोप तय किया है। इन आरोपितों में बजरंग दल का योगेश राज भी शामिल है।
बहस के बाद आरोप तय
स्पेशल काउंसिल ने बताया कि स्याना हिंसा के एक आरोपित की फाइल अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट तृतीय ने 124 ए का चार्ज बनाने को लेकर बचाव पक्ष व सरकारी अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद आरोपित पर राजद्रोह का चार्ज तय किया था। तत्पश्चात अपर सत्र न्यायालय-12 की अदालत ने स्याना हिंसा के अन्य 36 आरोपितों पर चार्ज तय किया था। जिसमें 124 ए का चार्ज नहीं बना था। चार्ज में 124 के आरोप बढ़ोतरी को चार्ज संशोधन का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। अदालत ने बचाव पक्ष से प्रार्थना पत्र पर आपत्ति मांगी थी। अदालत ने बचाव व स्पेशल काउंसिल को सुनने के बाद सभी आरोपितों पर चार्ज में 124ए की बढ़ोतरी की है।
ये धाराएं लगाई
पुलिस ने चिंगरावठी स्याना हिंसा में 44 लोगों के खिलाफ 302, 307, 436, 353, 147, 148 व 148 समेत आतंकवाद अधिनियम व सरकारी संपत्ति नुकसान अधिनियम में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। स्याना के 44 आरोपितों में से चार आरोपितों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। तीन आरोपित का नाबालिग कोर्ट में मुकदमा है।
ये था मामला
तीन दिसंबर 2018 को स्याना के महाव गांव में गो वंशीय के अवशेष मिले थे। भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर जाम लगा दिया था। जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। इसमें चौकी में आगजनी की गई थी। साथ ही तत्कालीन स्याना इंस्पेक्टर सुबोध सिंह व एक ग्रामीण सुमित की मौत हो गई थी।
