जयपुर. राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 18 से 44 साल की उम्र 3 करोड़ 25 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी कर दिया है। इसमें वैक्सीन सप्लाई की 3 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इस टेण्डर के माध्यम से सरकार वैक्सीन की एक करोड़ डोज खरीदेगी। ताकि कम समय में लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा सके। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस टेण्डर प्रक्रिया में 2 कंपनियों की वैक्सीन सप्लाई करने वाले 4 डिस्ट्रीब्यूटरों ने टेण्डर भर दिए हैं। इसमें रूस की वैक्सीन स्पूतनिक और दूसरी ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मिलकर बनाई वैक्सीन की है। 21 मई को टेण्डर खोले जाने के बाद पूरी जानकारी मिल पाएगी कि कितने डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इस ईओआई में भाग लिया है।
6 से लेकर 7 लाख डोज प्रतिदिन लगा सकते हैं
राजस्थान टीकाकरण अभियान के निदेशक डॉ. रघुराज सिंह ने बताया कि वर्तमान में राज्य में एक दिन में 7 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने जितना सिस्टम तैयार है। मैन पॉवर पूरा है और स्टोरेज क्षमता अच्छी है। समय पर वैक्सीन आए तो (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 6 से लेकर 7 लाख डोज प्रतिदिन लगा सकते हैं। वर्तमान में भारत सरकार की ड्रग कंट्रोलिंग जनरल ऑफ इंडिया ने केवल 3 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन का उत्पादन भारत, तीसरी वैक्सीन रूस से बनकर भारत आ रही है। हमने ईओआई में फिलहाल वहीं वैक्सीन मांगी है, जो भारत सरकार से मंजूर है।
30 दिन में मांगी एक करोड़ डोज
सरकार ने इस टेण्डर में 30 दिन में वैक्सीन उपलब्ध करवाने की शर्त रखी है। 5 चरणों में ये वैक्सीन उपलब्ध करवानी पड़ेगी। ये वैक्सीन 5 या अधिकतम 10 डोज के एक वॉयल में मांगी है। शर्त के मुताबिक, कंपनियों को ही सरकार के वैक्सीन स्टोरेज सेंटर तक वैक्सीन पहुंचानी होगी। राज्य सरकार ने वैक्सीन के प्रदेश में तीन जगह जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में स्टोरेज सेंटर बनाए हैं।
3.75 करोड़ वैक्सीन का दिया ऑर्डर
इससे पहले राज्य सरकार ने 18 से 44 साल के सीरम इंस्टीट्यूट को 3.75 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, लेकिन कंपनी ने इतना बड़ा ऑर्डर पूरा करने में ज्यादा समय लगने की बात कही है। राज्य में अगर 18 से 44 साल के सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाए तो सरकार को करीब 7 करोड़ डोज की जरूरत है। पूरे वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर 3 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
