वाशिंगटन (एएनआई). रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब भी जारी है। रूस ऐसे देशों की सूची में सबसे उपर है। जिस पर सर्वाधिक प्रतिबंध लगाए गए गए हैं। रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला किया था। उस समय से लेकर रूस पर लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। यही नहीं उसके खिलाफ प्रतिबंध कड़े किए जा रहे हैं। इस कारण रूस की मुश्किलें और अधिक बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका उस पर प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा करने को मन बना चुका है।
और अधिक प्रतिबंध लगाएगा
अमेरिका के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर फार इंटरनेशनल इकनोमिक्स दलीप सिंह का कहना है कि फिलहाल आने वाले कुछ समय में तो ये प्रतिबंध नहीं हटने वाले हैं। उनका कहना है कि अमेरिका आने वाले दिनों में रूस के खिलाफ और अधिक प्रतिबंध लगाएगा। इनमें से कुछ को वो लगा चुका है, वहीं कुछ उसकी सूची में अभी बाकी हैं। उन्होंने ये बात सीएनबीसी के साथ हुई बातचीत में कही है। इस बातचीत में उन्होंने उन सेक्टर के बारे में भी बताया जिन पर अभी प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा किया जाना है।
बैंकिंग सेक्टर सहित अन्य सेक्टर पर कसेगा शिकंजा
अमेरिका रूस के बैंकिंग सेक्टर पर और शिकंजा कड़ा करना है। तेल और गैस को भी इसी दायरे में रखा जाना है। तेल और गैस सेक्टर पर आने वाले दिनों में प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा किया जाएगा। दूसरे सेक्टरों पर भी शिकंजा कसा जाना है। हालांकि उन्होंने अन्य सेक्टरों का खुलासा करने से साफर इनकार कर दिया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि इन सेक्टरों के बारे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भलीभांति जानते होंगे।
बंद करने होंगे हमले
ये पूछे जाने पर कि इन प्रतिबंधों को हटाने के लिए रूस को क्या करना चाहिए, सिंह ने कहा कि फिलहाल ये संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले रूस को यूक्रेन पर हमलों को बंद करना होगा। रूस की सेना यूक्रेन में आम लोगों को निशाना बना रही है। ये नहीं होना चाहिए। सिंह ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस की अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले आधी हो गई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाते हुए अमेरिका को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है क्योंकि इसका असर रूस की जनता पर सीधेतौर पर पड़ता है। लेकिन ये लड़ाई पुतिन ने शुरू की है इसलिए ये उनकी लड़ाई है और प्रतिबंध भी उनके ही हैं। उन्होंने खुद इसमें वहां के लोगों को शामिल किया है।
