(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 16 राज्यों में न्यूनतम मजदूरी दर से कम
मंत्रालय के आंकड़ों के आंकड़ों पर गौर करें तो मई में लगभग 1.85 करोड़ लोगों को काम की पेशकश की गई थी। 2019 की तुलना में ये 52 प्रतिशत से अधिक है। मनरेगा के तहत मजदूरी दर 16 राज्यों में आधिकारिक न्यूनतम मजदूरी दर से कम है। राज्यों की न्यूनतम मजदूरी दरें स्वयं बाजार मजदूरी दरों से कम होती हैं। मनरेगा के तहत काम खत्म करने के 15 दिन बाद मजदूरों को भुगतान किया जाता है, इसके बावजूद भुगतान में देरी आम बात है।
श्रमिक-जनसंख्या अनुपात को कम कर दिया
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के एक फैकल्टी, श्रम अर्थशास्त्री अमित बसोले ने कहा कि महामारी ने श्रमिक-जनसंख्या अनुपात को कम कर दिया है, जो आबादी के बीच कार्यरत कामकाजी उम्र के लोगों की संख्या को दर्शाता है। सीएमआईई डेटा से अनुपात की गणना करने पर सामने आया कि मार्च और अप्रैल 2021 के बीच, पुरुष डब्ल्यूपीआर 63.4 प्रतिशत से गिरकर 62.4 प्रतिशत हो गया था, जबकि महिला डब्ल्यूपीआर 8.5 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई थी। बसोले ने कहा, डब्ल्यूपीआर बताता है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कोरोना की मार अधिक झेलनी पड़ी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
