जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर से मचे हाहाकार को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अब तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए तेजी के साथ में तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है ताकि ऐनवक्त पर किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सरकार एक हजार डॉक्टर्स और 25 हजार नर्सिंग स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट पर लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है। ताकि इनकी सेवाएं गांव और शहरों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ली जा सके। यही नहीं सरकार ने पीएचसी, सीएचसी को कोविड केयर सेंटर के रूप में तब्दील करना शुरू कर दिया है। राज्य के उप स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल जहां सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था नहीं है। वहां मैकेनिज्म डवलप करना शुरू किया गया है।
सितंबर-अक्टूबर में आ सकती है तीसरी लहर
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की माने तो विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर सितम्बर-अक्टूबर में आ सकती है। इस लहर में छोटे बच्चों के बीमार होने का खतरा ज्यादा है। चिकित्सा मंत्री ने बताया इसलिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। प्रदेश के सभी बच्चों के अस्पताल और वे अस्पताल जहां बच्चों के जन्म होते हैं, वहां सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सप्लाई का सिस्टम विकसित किया जाएगा। साथ ही हर जिला अस्पताल पर ऑक्सीजन प्लांट हो इसके लिए टेंडर कर दिए है। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेशभर में 345 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर में विकसित किया है। राज्य में अब तक 6500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर आ चुके हं, जिनसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ी है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); हर पीएचसी में लगेंगे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
राज्य में अब कोरोना गांवों में तेजी से फैल रहा है। गांवों के हल्के व मध्यम लक्षण वाले मरीजों को गांव व कस्बों में ही इलाज मिल सके इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सीएचसी में बने बेड्स को कोविड मरीजों के लिए रिजर्व किया जा रहा है। सरकार शीघ्र हर पीएचसी पर 5 और सीएचसी पर 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखवाएगी। साथ ही इन सेंटर पर मौजूद बेड्स की स्थिति देखते हुए बैकअप के तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाइयां भी भेजी जाएंगी।
11 लाख परिवारों का होगा सर्वे
कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल हुई एक वीसी में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने की नई रणनीति के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 1200 टीमें गठित की है, जो आने वाले दस से बारह दिनों में 11 लाख परिवारों के घर-घर सर्वे का काम करेंगी। ये टीम संदिग्ध रोगियों की पहचान करेगी और इनके ट्रीटमेंट के साथ वहां कंटेनमेंट जोन के लिए सिफारिश करेगी।
