(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); एक साल तक सोती रही गहलोत सरकार
सिंह ने कहा, राजस्थान को 435 टन आक्सीजन का आवंटन किया गया, लेकिन वे उठा हीं नहीं पा रहे हैं। अब टैंकर की व्यवस्था तो राजस्थान सरकार को ही करनी होगी। हेल्थ स्टेट का मामला है, सरकार एक साल तक सोती रही, ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कुछ काम नहीं किया। सरकार के मन में पाप था कि पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर्स नहीं चलाएंगे, 201 करोड़ रूपए दिए हैं उसका ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगाएंगे क्योंकि पीएम की प्रसिद्धि होगी। उनकी ये मंशा सब जानते हैं।
प्रदेश के जिले अफसरों के भरोस
उन्होंने कॉफ्रेंस में कहा कि केन्द्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त दिए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर कमी पैदा कर दी हो, अफसरों के घर रख दिए हों। रेमडेसिविर कहां गए। हालात तो ेऐसे हैं कि मंत्रियों ने जिलों में जाना छोड़ दिया है, अब प्रदेश के जिलों में सब कुछ अफसरों के भरोसे छोड़ दिया है।
प्रदेश में लीपा पोती वाली सरकार
उन्होंने कांग्रेस के लोगों ने पहले मोदी वैक्सीन कहकर देश में बनी वैक्सीन का मजाक उड़ाया। अब उसी की मांग कर रहे हैं, समय रहते किसी कंपनी को वैक्सीन का ऑर्डर तक नहीं दिया। अब केंद्र पर दोषारोपण कर रहे हैं। गहलोत सरकार लीपा पोती वाली सरकार है, ये सरकार कोई काम नहीं कर रही है। राजस्थान को उड़ीसा और पश्चिमी बंगाल में दूर दराज से ऑक्सीजन देने के सवाल पर सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन का उत्पादन पूर्वी भारत में ज्यादा होता है। इसलिए वहीं से ज्यादा आवंटन होगा। राजस्थान सरकार ऑक्सीजन उठा ही नहीं पाई।
