श्रीनगर. कश्मीर में आतंक का पर्याय बने लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ के चार प्रमख आतंकियों को भगौड़ा घोषित किया गया है। इसके साथ-साथ उन पर 10 लाख का इनाम भी रखा गया है। इनमें से तीन आतंकी कमांडर पाकिस्तान में हैं जबकि एक बासित अहमद डार ने कश्मीर में टीआरएफ की कमान संभाल रखी है। एनआइए को कश्मीर में लगभग एक दर्जन नागरिक हत्याओं, आतंकियों की फंडिंग, हथियारों की तस्करी और स्थानीय युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के मामलों में इन चारों आतंकियों की तलाश है।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि जिन चार आतंकियों पर 10-10 लाख का इनाम घोषित किया है। उनमें सलीम रहमानी उर्फ अबु साद और सैफुल्ला साजिद जट्ट उर्फ सज्जाद जट्ट पाकिस्तानी हैं। यह दोनों इस समय पाकिस्तान में ही हैं। अन्य दो आतंकी बासित अहमद डार व सज्जाद गुल उर्फ शेख साजिद कश्मीरी हैं। सज्जाद गुल श्रीनगर के एचएमटी इलाके का रहने वाला है और बीते कुछ बरसों से पाकिस्तान में है। साजिद जट्ट और सलीम रहमानी दोनों ही कश्मीर में सक्रिय रह चुके हैं। सज्जाद गुल प्रतिबंधित आतंकी ब्लाग द कश्मीर फाईटस का भी संचालक बताया जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकियों में एक गिना जाता है और श्रीनगर में बीते चार साल के दौरान हुई विभिन्न नागरिक हत्याओं में उसका नाम आया है। पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी वह शामिल रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर में सक्रिय हिट स्क्वाड टीआरएफ के लिए श्रीनगर में विभिन्न आतंकी माडयूल तैयार करने में वह अपने स्थानीय संपर्कों को का इस्तेमाल करता आ रहा है। दक्षिण कश्मीर में रेडवनी कुलगाम का रहने वाला बासित अहमद डार कश्मीर में टीआरएफ का आप्रेशनल चीफ कमांडर बताया जाता है। वह कुछ दिन पूर्व श्रीनगर में पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में बच निकला था।
साजिद जट्ट करीब पांच साल तक कश्मीर में सक्रिय रहने के बाद वर्ष 2007 में अपनी पत्नी संग नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भाग गया था। सलीम और साजिद जट्ट ही बीते तीन साल से कश्मीर के लिए पाकिस्तान व गुलाम कश्मीर से लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को लांच करने का जिम्मा संभाले हुए हैं। साजिद जट्ट ने ही कश्मीर में सज्जाद गुल की मदद से टीआरएफ के नेटवर्क तैयार किया है। बीते वर्ष जम्मू प्रांत के सुरनकोट में घुसे आतंकियों को भी उसने ही गुलाम कश्मीर के रास्ते भेजा था। साजिद जट्ट की पत्नी दक्षिण कश्मीर में कुलगाम की रहने वाली शब्बीरा कूचे है। उसका बडा बेटा उमर इस समय करीब 15 साल का है और वह कुलगाम में ही अपने नाना नानी के साथ रहता है।
