जो कहता था गंगा ने बुलाया है,
उसने माँ गंगा को रुलाया है। pic.twitter.com/ArGeuxVmEN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 15, 2021
गांवों में कोरोना से मौत, शवदाह तक नहीं कर रहे लोग
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बताया जा रहा है कि गांवों में कोरोना की वजह से लोगों की मौत हो रही है और लकडिय़ों की कमी या अन्य कमियों की वजह से लोग शव को गंगा में प्रवाहित करने को मजबूर हैं। गंगा किनारे रेत में शवों को दफन करने की बातें सामने आ रही हैं। दैनिक भास्कर ने एक दिन पहले ही अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में बताया था कि यूपी के 27 जिलों में 1140 किमी की दूरी में दो हजार से ज्यादा शव गंगा किनारे दफन हैं।
इन जगहों के हालात बेहद खराब
रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर, कन्नौज, उन्नाव, गाजीपुर और बलिया में हालात बेहद खराब पाए गए। कन्नौज में गंगा किनारे 350 से ज्यादा शव दफन हैं। वहीं कानपुर में गंगा किनारे और पानी में लाशें ही लाशें नजर आईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्रशासन उन लाशों पर मिट्टी डालने का काम कर रहा है।
मौत का आंकड़ा चार हजार के करीब
देश में एक दिन में 3,26,098 लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,43,72,907 हो गए हैं, जबकि 3,890 और मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 2,66,207 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या गिरकर 36,73,802 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.07 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 83.83 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 2,04,32,898 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन संक्रमित लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोग अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।
