कार निर्मता कंपनी महिंद्रा के चेयरमैन और उद्योगपति आनंद महिंद्रा माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं। इसके जरिए आम लोगों से भी जुड़े रहते हैं। कुछ नया करने वाले और जुगाड़ आदि के जरिए किसी बड़ी मुश्किल को आसान बनाने वाले लोगों पर आनंद महिंद्रा की खासी नजर रहती है। उनके अविष्कारों को महिंद्रा अपने फॉलोअर्स से शेयर करते हैं। ऐसे लोगों की मदद करने का भी प्रयास करते हैं। अब एक बार फिर आनंद महिंद्रा के एक ट्वीट की चर्चा है जिसमें उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद कर उस दौर की सड़कों की और आज के सड़कों की तुलना की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिनों पहले नेशनल हाईवे एनएच 275 की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। नेशनल हाइवे के बेंगलुरू-निदाघत्ता-मैसुरू सेक्शन की है। कर्नाटक राज्य में पडऩे वाला यह सेक्शन 117 किलोमीटर लंबा है।
I studied at a boarding school in Udhagamandalam (Ooty) for 5 years & would travel the last leg of the journey by car with friends from Bengaluru. Took a minimum of 6 hours. How much easier—and more exciting—the journey would have been if this highway had existed then! 👍🏽👍🏽👍🏽 https://t.co/e0v6WXgri2
— anand mahindra (@anandmahindra) March 31, 2022
इसमें 10 लेन हैं। इस प्रोजेक्ट को 8,350 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। यह पूरा सेक्शन अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। गडकरी के पोस्ट को शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा कि अगर ये हाइवे उनके बचपन में होता तो उनका बचपन काफी मजेदार होता है। महिंद्रा ने लिखा कि मैंने 5 साल तक उदघमंडलम (ऊटी) के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की है। हम बेंगलुरू से स्कूल तक की जर्नी दोस्तों के साथ करते थे। इस सफर में कम से कम 6 घंटे लगते थे। अगर यह हाइवे उस समय होता तो हमारी जर्नी (यात्रा) कितनी आसान और मजेदारी होती। जैसा कि आनंद महिंद्रा के सभी ट्वीट के साथ होता है कि यूजर्स मजेदार और सुझाव भरे कमेंट करने लगते हैं और महिंद्रा उनके कमेंट्स का रिप्लाई भी करते हैं। एक यूजर ने महिंद्रा से कहा कि यह हाइवे नहीं होने से दोस्तों के साथ यात्रा के दौरान ज्यादा समय बिताने का मौका मिला होगा और यादें भी काफी होंगी। यूजर के इस कमेंट पर महिंद्रा ने सहमति जताई और इसे बिलकुल सही बात बताया। एक अन्य यूजर ने लिखा कि कन्वेंशनल और मॉडर्न दोनों ही तरह की सड़कें होनी चाहिए और इस यूजर की बात पर भी आनंद महिंद्रा सहमत दिखे।
