नई दिल्ली. मई-जून तपा देनी वाली गर्मी असर इस बार मार्च में नजर आ गया। 122 सालों बाद इस बार मार्च माह सबसे गरम साबित हुआ है। इससे अंदाजा भी लगाया जा रहा है कि चालू महिने अप्रेल और फिर मई में ज्यादा गर्मी डऩे वाली है। लू यानी गर्म हवाएं चलेगी और गरमी पूरे चरम पर होगी। तापमान सामान्य से 04-05 डिग्री जब ऊपर चला जाता है तब लू चलती है। गरम हवाओं वाला मौसम स्वास्थ्य के लिए तो खराब होता ही है साथ ही साथ कई बार ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।
क्या मतलब होता है लू का?
ऐसी जगह जहां का तापमान नॉर्मल से बहुत ज्यादा हो। लगातार 5 दिनों तक ऐसा मौसम रहे तो इसे लू माना जाता है। गर्म हवाएं आमतौर पर एक एरिया या इलाके के ऊपर बने ज्यादा दबाव की वजह से पैदा होती है। जो काफी देर तक बना रहता है। इसका मतलब है कि ये कई दिनों और कभी-कभार हफ्तों तक बना रहता है ।
पर्यावरण के लिए क्यों अच्छी है गर्म हवाएं
एक्सपर्ट के अनुसार गर्म हवाएं पर्यावरण के लिए अच्छी होती है। अच्छा मानसून पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि जमीन अच्छी तरह से गरम हुई है या नहीं। सूरज की तपिश जितनी तेज होगी। मानसून उतना जल्दी और अच्छा आएगा।
लू का हमारे शरीर पर असर
मानव शरीर का नॉर्मल टेम्प्रेचर 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर हमारे शरीर से काम लेने वाले एंजाइम्स सबसे अच्छे तरीके से काम करते हैं। शरीर के इतने तापमान के बावजूद गर्मी को हम एक डिग्री भी ज्यादा सह नहीं पाते। खुद को गर्म रखने के लिए इंसान बहुत सारी ऊर्जा लेता है। हमारे शरीर के अंदर का टेम्प्रेचर 37 डिग्री और त्वचा का तापमान 33 डिग्री रहता है। यानि अंदरूनी हिस्से से त्वचा तक पहुंचते-पहुंचते तापमान काफी कम हो जाता है और इसी वजह से शरीर ठंडा रहा पाता है।
Pic credit- pexels