कीव/मास्को/ वाशिंगटन. रूसी हमले के बाद से यूक्रेन के हालात बदतर होते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग को 44वें दिन हो गए, लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि बोरोड्यांका शहर के हालात बहुत खराब हैं। यहां बूचा से बुरी स्थिति है। युद्ध अपराधों के आरोपी रूस को संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार परिषद ने बाहर कर दिया है। इस दौरान हुई वोटिंग में 93 देशों ने रूस के विरोध में मतदान किया। इध भारत सहित 58 देश ऐसे रहे जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। यूक्रेन का सूमी पूरी तरह से रूसी कब्जे से मुक्त हो गया। सूमी ओब्लास्ट के गवर्नर ने फेसबुक पर बताया कि, यह क्षेत्र रूसी सेना से मुक्त हो गया है और यूके्रन की सेना यहां दोबारा अपना कब्जा जमा चुकी है। हालांकि, कहीं-कहीं धमाकों की आवाज अभी भी आ रही है।
रूस ने मानी सैन्य नुकसान की बात
यूक्रेन से छिड़ी जंग के बीच पहली बार रूस ने माना है कि, उसे काफी सैन्य नुकसान हुआ है। रूस ने इस जंग को सबसे निराशाजनक माना है। के्रमलिन प्रवक्ता ने मीडिया से बात में कहा कि हमें सैनिकों का बहुत नुकसान हुआ है। यह हमारे लिए बड़ी त्रासदी है। दरअसल, यूक्रेन में रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उम्मीद से परे यूके्रनी सेना से उसे कड़ा प्रतिरोध मिल रहा है।
इरपिन शहर में तीन दिन का कफ्र्यू
यूक्रेन के इरपिन शहर में तीन दिन का कफ्र्यू लगाया है। इरपिन के मेयर की घोषणा के मुताबिक, आज रात नौ बजे से 11 अप्रैल सुबह नौ बजे तक कफ्र्यू रहेगा। इस दौरान शहर में किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। रूस-यूके्रन के बीच छिड़ी जंग का आज 44वां दिन है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, बोरोड्यांका शहर के हालात बहुत खराब हैं। यहां बूचा से बुरी स्थिति है। रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए उन्होंने नाटो देशों से तत्काल हथियारों की मांग की है।
