जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। इसमें राज्य के ऐसे जिले, जो अकाल से प्रभावित नहीं है और जहां पर चारे के भाव बढ़े है, उनमें चारा डिपो खोलने के लिए जिला कलक्टर्स को अधिकृत किया गया है। साथ ही पेयजल की कमी वाले जिलों के लिए पूर्व में जिला कलक्टर को पानी की उपलब्धता के लिए हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए गए थे। मंत्रिपरिषद की बैठक में टैंकरों द्वारा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने से लेकर अन्य सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए फिर से निर्देश दिए गए। इसके लिए जिला कलक्टर्स को आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। मंत्रिपरिषद में विद्युत उपलब्धता की कमी एवं देश में कोयला संकट के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्यों पर आयातित कोयला की मात्रा 10 प्रतिशत तक बढ़ाकर खरीदने की अनिवार्यता से प्रदेश पर पडऩे वाले वित्तीय भार पर भी चर्चा की गई। साथ ही प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने और अतिरिक्त स्टॉक रखने के लिए भी संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हर गांव में काम की सुनिश्चितता के लिए ग्रामीण विकास विभाग को नियमित मॉनिटरिंग कराने के निर्देश दिए गए।
समस्याओं की रोकथाम के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन
मंत्रिपरिषद में शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन करने का निर्णय लिया गया। साथ ही राज्य में गौशालाओं एवं नंदी शालाओं के सुचारू संचालन एवं उनके लिए चारागाह भूमि आवंटित कराने के भी निर्देश दिए गए। वहीं, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में आवारा पशुओं और गौवंश के रख-रखाव से संबंधित कार्यों को शामिल करने के बारे में भी निर्णय लिया गया।
