जयपुर. राजस्थान में कोरोना से हालात रोज बिगड़ते जा रहे हैं। आज भी 24 घंटे में 14,468 नए केस मिले हैं, जबकि 59 लोगों की मौत हो गई। लगातार केस बढऩे के कारण अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाओं की भी किल्लत भी सामने आने लगी है। ऐसे में सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद माना है कि आगामी 30 अप्रैल तक का समय राज्य के लिए बहुत मुश्किलों भरा है। इसलिए उन्होंने राज्य के सभी सांसदों से अपील की है कि वे केंद्र सरकार के सामने ऑक्सीजन और दवाइयों के मामले में राजस्थान की बात गंभीरता से रखें। प्रदेश में जिलेवार कोरोना की बात करें तो पॉजिटिव केस जयपुर में 2317 मिले हैं। 11 लोगों ने दम तोड़ दिया। जोधपुर में 1921, उदयपुर में 1215 और कोटा में 1126 नए केस मिले हैं। झुंझुनूं और प्रतापगढ़ ऐसे जिले हैं, जहां आज कोरोना के 100 से कम केस मिले हैं।
एक्टिव केस एक लाख के पार
एक्टिव केस और संक्रमण की दर के आंकड़े बता रहे हैं। राज्य में बुधवार की तुलना में गुरुवार को संक्रमण की दर 18 फीसदी से बढ़कर 24.67 पर पहुंच गई। राज्य में कुल 58,635 सैंपल की जांच की गई, जिसमें हर चौथा सैंपल पॉजिटिव आया। राज्य में एक्टिव केसों की संख्या एक लाख 7,157 पर पहुंच गई। बढ़ते मरीजों की संख्या के कारण कोटा, जोधपुर, उदयपुर और जयपुर में कोविड अस्पताल फुल हो गए हैं। अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं बची।
केंद्र से ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की मांग
इधर, राज्य सरकार ने केंद्र से ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की मांग की है। वर्तमान में केंद्र सरकार से राज्य को 125 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 200 मीट्रिक टन का कोटा निर्धारित करने की मांग की है। इधर भिवाड़ी प्लांट से भी कल राज्य को लगभग 8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कम आने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने नाराजगी जताते हुए केंद्र से 65 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की मांग की है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने आज जो रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा राज्यों का निर्धारित किया है। उसको लेकर भी राजनेताओं में नाराजगी है। केंद्र सरकार ने राजस्थान को 30 अप्रैल तक 26 हजार 500 इंजेक्शन की खेप देने का कोटा तय किया है।
सैनिटाइजेशन फिर शुरू
जयपुर में संक्रमण को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर सड़कों व सार्वजनिक जगहों पर सैनिटाइजेशन शुरू करवा दिया है। शहर में फायर फाइटिंग गाडिय़ों से हाइपोक्लोराइड युक्त पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है।
