कर्नाटक. कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों चड्डी पॉलिटिक्स जमकर हावि है। इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों आमने-सामने है। अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के खिलाफ अभियान चलाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चड्डियां जुटाने में लग गया है। जिन्हें बाद में कांग्रेस के दफ्तर में भेजा जा रहा है। इस विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब बीते सप्ताह कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के कुछ सदस्यों ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के आवास के बाहर खाकी चड्डी जला दीं थीं। छात्र इकाई ने आरोप लगाया कि राज्य में स्कूली किताबों का भगवाकरण किया जा रहा है। मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सदन में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि एनएसयूआई सदस्यों ने पुलिसकर्मियों के सामने चड्डी आग के हवाले कर दीं, तो क्या? अब संघ के विरोध में हर जगह चड्डी जलाएंगे। कांग्रेस नेता के बयान के बाद मामले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी पहले ही अपनी चडडी खो चुकी है। उनकी चडडी फाड़ दी है और इसीलिए वो चड्डी जला रहे है। उन्होंने यूपी में अपनी चड्डी खो दी। सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी में अपनी चड्डी और लुंगी दोनों खो चुके हैं। इसलिए अब वो खाकी चड्डी जलाने की कोशिश कर रहे हैं।
विवाद में भाजपा नेता चलवादी नारायण स्वामी भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा, अगर सिद्धारमैया चड्डी जलाना ही चाहते हैं तो अपने घर के अंदर जलाएं। मैंने एससी मोर्चा के सभी जिला अध्यक्षों से कहा है कि वो सिद्धारमैया को चड्डी भेजकर उनकी मदद करे। हालांकि पहले मैं कांग्रेस नेता से कहूंगा कि वो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इसकी अनुमति लें, क्योंकि चड्डी जलाने से प्रदूषण पैदा होगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिद्धारमैया इस स्तर की राजनीतिक करेंगे। उल्लेखनीय है कि मांड्य जिला में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने चड्डी इक_ा की हैं और जिन्हें सिद्धारमैया के बयान के खिलाफ कांग्रेस दफ्तर भेजा जाएगा।
