नई दिल्ली. आबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इससे बैंक ग्राहकों को जोरदार झटका लग सकता है, क्योंकि जल्द बैंक होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की इएमआई में बढ़ोतरी कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने के लिए मतदान किया है। अब यह दर 4.90 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 जून को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद 5 हफ्तों में दूसरी बार रेपो रेट में अपना बदलाव किया है। माह 4 मई 2002 को ही आरबीआई ने अचानक रेपो रेट में 0.40 बेसिस प्वाइंट के इजाफे का ऐलान किया था। आरबीई की ओर से 5 हफ्ते बाद आज यानी 8 जून को फिर रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है। आरबीआई की तरफ से ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी की बढ़ती कीमतों एवं पेट्रोल-डीजल सहित अन्य ईंधन के बढ़ते दबाव की वजह से रेपो रेट में बदलाव किया है।
मई-जून में रिटेल महंगाई दर के 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई की तरफ से रिटेल महंगाई देर अप्रैल-जून की तिमाही में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही के दौरान रिटेल महंगाई दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में ये आंकड़ा 6.2 प्रतिशत तक जा सकता है। वहीं चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 5.8 प्रतिशत हो सकती है।
वल्र्ड बैंक ने की जीडीपी ग्रोथ रेट में 1.2 प्रतिशत की कटौती
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी विकास दर के 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी महामारी यानी 2019-20 के स्तर से ज्यादा है।
