जयपुर. राज्य मिशन निदेशक राजीविका श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा नौ जिलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वीडियो सखी रिसोर्स पर्सन के रूप में चिन्हित कर वीडियो प्रॉडक्शन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके द्वारा बनाए गए वीडियो की सहायता से राजीविका की प्रचार सखियों द्वारा राजीविका सम्बन्धी एवं अन्य संदेशों का गांव-गांव में प्रचार किया जाएगा। इस सम्बन्ध में राजीविका की मिशन निदेशक श्रीमती राजपाल द्वारा डिजिटल ग्रीन के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। श्रीमती राजपाल ने बताया कि प्रदेष में नेशनल रूरल इकॉनोमिक ट्रांसफार्मेशन प्रोजेक्ट से सम्बद्ध नौ जिलों के नौ ब्लॉक के लिए एनजीओ के साथ एमओयू किया गया है जो जून 2024 तक नि:शुल्क रूप से कैपिसिटी बिल्डिंग का काम करते हुए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को गुणवत्ता वाले वीडियो प्रॉडक्शन का प्रशिक्षण देगा।
श्रीमती राजपाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वीडियो सखी के रूप में रिसोर्स पर्सन या मास्टर टे्रनर बनाने का फायदा यह है कि इसके जरिए सखी अपने परिवेश में खुद सीखकर वांछित सूचना का वीडियो बना सकेगी। जहां एक टीम वीडियो सखी के रूप में प्रॉडक्षन से जुड़ी होगी, वहीं दूसरी टीम प्रचार सखी के रूप में इस सूचना को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी। इस प्रकार कम्यूनिटी को जानकारी देने के लिए कम्यूनिटी का ही इस्तेमाल करते हुए कल्याणकारी संदेशों को उन तक पहुंचाने का यह तरीका बेहद प्रभावी एवं कारगर है। इससे संदेशों की प्रमाणिकता एवं उनका समयबद्ध प्रसरण भी संभव होगा।
डिजिटल ग्रीन की पार्टनरशिप हैड सुश्री समिथा हलदर ने बताया कि डिजिटल ग्रीन एक अन्तरराष्ट्रीय एनजीओ है जो कई राज्यों में कार्यरत है। कम्यूनिटी बेस वीडियो अप्रोच इस संगठन का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है। अन्य कई राज्यों में इसका अच्छा परिणाम मिला है और राजस्थान में राजीविका के साथ जुडऩा इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है।
