देश में ईंधन की कीमतों की बात करें तो ये पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी है। एक साल पहले 65-70 रुपए बिकने वाला पेट्रोल अब 100 रुपये से ऊपर बिक रहा है। ऐसे में अब कार चलना अधिक महंगा हो गया है। इस साल के शुरूआती माह में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के बाद सीएनजी कारों की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। इसको लेकर खरीदारों में काफी उत्साह भी नजर आ रहा है। सीएनजी की कीमतें भी बढ़ी हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल के मुकाबले ये अभी सस्ती हैं।
एक तरफ जहां एक पेट्रोल कार को चलाने का खर्च प्रति किलोमीटर 4.50- 5.50 रुपए आता है, वहीं सीएनजी कार के लिए यह खर्च महज 2-2.5 रुपये है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि आने वाले समय में सीएनजी कारों की मांग में तेजी आएगी। जिस तरह बीते कुछ महीनों में ईंधन की कीमतों में इजाफा हुआ है, सीएनजी कारों की बिक्री अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मारुति सुजुकी की कुल कार बिक्री में सीएनजी कारों की हिस्सेदारी 1/5 है और इस वित्तीय वर्ष (2022-2023) में सीएनजी कारों की बिक्री 5 लाख यूनिट्स को पार कर जाएगी। मारुति सुजुकी के पास वर्तमान में 1,30,000 सीएनजी कारों का आर्डर लंबित है और कंपनी इन कारों की डिलीवरी करने के लिए उत्पादन बढ़ा रही है। मारुति की पॉपुलर अर्टिगा एमपीवी के सीएनजी मॉडल का वेटिंग पीरियड 8-9 महीने तक पहुंच चुका है।
मारुति के सीएनजी कारों की बिक्री का ग्राफ पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रहा है। आंकड़ों को देखें तो कंपनी ने 2016-17 में 74,000 यूनिट्स, 2018-19 में लगभग 1 लाख यूनिट, 2019-20 में 1.05 लाख यूनिट और 2020-21 में 1.62 लाख यूनिट सीएनजी कारों की बिक्री दर्ज की है। मारुति सुजुकी वर्तमान में ऑल्टो, एस-प्रेसो, वैगनआर, ईको, टूरएस, अर्टिगा और सुपर कैरी में सीएनजी संस्करण पेश करती है। कंपनी ने नई सेलेरियो हैचबैक को भी सीएनजी संस्करण में लॉन्च कर दिया है। मारुति सुजुकी वर्तमान में सीएनजी सेगमेंट में 85 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी के साथ देश में सीएनजी कारों की सबसे बड़ी निर्माता है। कोरियाई कार निर्माता हुंडई की बात करें तो कंपनी की सीएनजी कारों की बिक्री में औसतन 58 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हुंडई ने इस साल के शुरूआती पांच महीनों में 24,730 सीएनजी कारों की बिक्री की है, जबकि पिछले साल पूरे 12 महीनों में कंपनी ने 37,584 यूनिट सीएनजी कारों की बिक्री की थी।
भारतीय ग्राहक अपनी कार को चलाने की लागत के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। इस वजह से देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों के साथ सीएनजी कारों की मांग में वृद्धि हुई है। जहां पहले देश भर में केवल 1,400 रीफिलिंग स्टेशन हुआ करते थे, अब यह आंकड़ा 3,300 को पार कर गया है और अगले 1.5-2 वर्षों में रीफिलिंग स्टेशनों की संख्या 8000 के पार जाने की उम्मीद है। वहीं 2025 तक यह आंकड़ा 10,000 का आंकड़ा छू सकता है।
