जयपुर. पंचायत राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने निर्देशित किया है कि विभागीय योजनाओं में अधिक से अधिक प्रगति के लिए जरूरी है कि अधिकारी योजनाओं के डेटा का नियमित रूप से विश्लेषण करें और उसके आधार पर ही प्राथमिकताएं तय कर अपनी कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने ई-पंचायत सॉफ्टवेयर में पंचायत भवनों के निर्माण सम्बन्धी सूचना अपडेशन के लिए पोर्टल के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। जैन वीडियो कॉर्फेंस के दौरान ई-पंचायत एवं ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों एवं मुख्य आयोजना अधिकारियों को यह निर्देश प्रदान किए। उन्होंने इन पोर्टल्स पर अद्यतन सूचनाओं के नियमित अपडेशन के लिए भी निर्देशित किया। शासन सचिव ने बाड़मेर, जोधपुर जयपुर एवं कुछ अन्य जिलों द्वारा ग्राम पंचायतों में हुए कार्योंं की पिछले वित्तीय वर्ष की सेंक्शन्स ऑफलाइन जारी करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सोमवार से ही सभी कार्यों की जानकारी ई-पंचायत पर ऑनलाइन अपडेट करने के निर्देश दिए। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोई भी सेंक्शन ऑफलाइन जारी नहीं किए जाने की हिदायत दी।
उन्होंने निर्देश दिए कि केन्द्रीय वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग के कार्यों की सभी सीईओ, बीडीओ सजगता से मॉनिटरिंग करें और ये उनकी प्राथमिकता में शामिल होने चाहिए। पहली तिमाही बीतने के बाजवूद बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, हनुमागनढ़, पाली, नागौर, अलवर एवं अन्य कई जिलों में कई ग्राम पंचायतों में केन्द्रीय वित्त आयोग योजना में कोई काम सेंक्शन नहीं होना गंभीर है और इस स्थिति में जल्द से जल्द सुधार होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत तीनों लेवल पर होने वाले भुगतान ऑनबोर्ड होने पर ही किसी भी कार्य के सम्बन्ध में उपयोगिता प्रमाण पत्र या कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किए जाएं, उससे पहले नहीं। उन्होंने योजनाओं में किए गए भुगतान को ऑनबोर्ड नहीं कराए जाने पर जयपुर, अलवर, पाली, चित्तौडगढ़ जिलों के अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि फील्ड में हुए कार्यो और ऑनलाइन चढाए गए डेटा में अन्तर नहीं होना चाहिए।
जैन से सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को जिले के बीडीओ, मुख्य आयोजना अधिकारी, डीपीएम, अकाउण्टेण्ट आदि के साथ सप्ताह में कम से कम एक बार विभिन्न योजनाओं की बैठक करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने राज्य स्तर पर योजनाओं की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों को भी डेटा क्वालिटी बढाने, उसके विश्लेषण से जिलों की रेंकिंग का सिस्टम विकसित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सबसे कम परफोरमेंस वाले 10 जिलो की वे अलग से बैठक जल्द ही लेंगे। बैठक में पंचायत राज के राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों की जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुख्य आयोजना अधिकरियों ने भाग लिया।
