मुंबई. शिवसेना में तेज हुए बगावत के सुर के बीच भाजपा ने भी अपनी सक्रियता तेज कर दी है। भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। माना जा रहा है कि देवेंद्र दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलेंगे और प्रदेश की सियासत पर चर्चा करेंगे। हालांकि भाजपा ने स्पष्ट तौर पर महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा सरकार बनाने के विकल्पों की जरूर तलाश में जुटी हुई है। यही वजह है कि वह एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर हर संभावना पर चर्चा कर लेना चाहती है ताकि कोई फैसला लेने से पहले उसे किरकिरी का सामना ना करना पड़े।
जारी है कुर्सी के लिए जंग
भाजपा इस पक्ष में भी है कि वह फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी और ना ही सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। पार्टी की मंशा है कि बागी विधायक ही फ्लोर टेस्ट की मांग करे। ऐसे में राज्यपाल की भूमिका काफी अहम हो जाती है। बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा है कि ये सरकार अल्पमत में है, लिहाजा उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री की कुर्सी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन शिंदे ने कहा था कि मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए यह नहीं कर रहा बल्कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए कर रहा। हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को अपना वोट दिया था।

मुश्किलें बढ़ा सकता है फ्लोर टेस्ट
महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही तमाम सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका अहम हो जाती है। यदि राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए कहते हैं और बागी विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं तो महाविकास अघाड़ी सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से बागी विधायकों की अयोग्यता के नोटिस पर सुनवाई कर उन्हें 12 जुलाई तक अपना जवाब देने का समय दिया है। उसने इन विधायकों को अन्य विकल्प तलाशने का मौका दे दिया है। यही वजह है कि फडणवीस दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
जारी है रस्साकस्सी का दौर
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंद भी दिल्ली रवाना हो चुके हैं। ऐसे में संभव है कि शिंदे के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मुलाकात हो सकती है। इन सब के बीच भाजपा इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके पास नंबर पूरे हो तभी वह सरकार बनाने का दावा पेश करे। इस पूरे विवाद के बीच उद्धव ठाकरे ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वह बैठक के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि अभी भी वह सरकार में है और सरकार वही चला रहे हैं।
शिवसेना की रणनीति
दरअसल शिवसेना चाहती है कि जितना लंबे समय तक गुवाहाटी में रहेंगे उतना ही इन बागी विधायकों को नुकसान पहुंचाएगा। मुंबई से दूर रहने के चलते ये बागी विधायक स्थानीय लोगों से दूर होंगे और इसका फायदा शिवसेना को मिलेगा। गुवाहाटी में ठहरे बागी विधायकों के जेहन में भी यह सवाल होगा कि आखिर वह कितने दिनों तक यहां रहेंगे।
