चूरू, 28 जून। विधिक चेतना समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन मंगलवार को एडीआर सेंटर में किया गया। बैठक में विधिक चेतना एवं लोक अदालत से जुड़े विभिन्न मसलों पर विचार विमर्श किया गया।इस मौके पर विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रमोद बंसल ने कहा कि समाज में विशिष्ट रूप से महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों में विधिक चेतना को प्रोन्नत करने लिये विशेष प्रयासों की जरूरत है और प्रत्येक व्यक्ति व संस्था को इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किये जाने, विधिक चेतना के लिये पैम्पलेट, पुस्तिकाएं और समाचार पत्रों में सामग्री प्रकाशित करवाने, फ्रंट ऑफिस के माध्यम से विधिक चेतना प्रोन्नत करने के लिये अधिक प्रभावी रूप से कार्य किये जाने, विचार गोष्ठियों और कर्मशालाओं का प्रबन्ध करना, जनसाधारण के बीच विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों को संविधान द्वारा और समाज कल्याण के विधानों और अन्य अधिनियमितियों के साथ ही साथ प्रशासनिक कार्यक्रमों और उपायों आदि के द्वारा प्रत्याभूत उनके अधिकारों, फायदों और विशेषाधिकारों के विषय में विधिक साक्षरता और विधिक चेतना प्रसारित करने के लिये समुचित कदम उठाने, निचले स्तर पर विशेष तौर पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों, महिलाओं और ग्रामीण एवं नगरीय श्रमिक वर्गों के बीच में कार्य वाली स्वयंसेवी समाज कल्याण संस्थाओं का समर्थन प्राप्त करने के लिये विशेष प्रयास करने, विधिक सेवा कार्यक्रमों की विभिन्न पहलुओं के बारे में जनसाधारण को सूचित करने के लिये वीडियो, वृत्तचित्र, प्रचार सामग्री, साहित्य आदि तैयार करने और उनको प्रकाशित करने एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न गतिविधियों राष्ट्रीय लोक अदालत, विधिक सहायता, पर्यावरण सुरक्षा एवं अन्य की जानकारी हेतु प्रस्ताव लिये गये।बैठक में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय, अधिवक्तागण रामेश्वर प्रजापत एवं सांवरमल स्वामी आदि उपस्थित रहे।
