मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच उठापटक का दौर जारी है। मंगलवार को भी देर रात तक सियासी ड्रामा लगातार जारी रहा। आज इस राजनीतिक ड्रामे में नया मोड आने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात की और मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अब अल्पमत में आ गई है। देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट करवाने की भी मांग की है और कहा है कि उद्धव सरकार को अब बहुमत साबित करना चाहिए। फ्लोर टेस्ट की मांग के साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा है कि शिवसेना के बागी विधायकों को धमकाया जा रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनके 40 शव गुवाहाटी से लौटाए जाएंगे। इसके अलावा, शिवसेना के अन्य नेता भी इसी तरह की धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में ज्यादा समय बर्बाद नहीं किया जा सकता है। अब फ्लोर टेस्ट करा लेना चाहिए।
अमित शाह-नड्डा से मुलाकात के बाद फडणवीस का बयान…
बता दें कि इस बयानबाजी से कुछ घंटे पहले ही दिल्ली में फडणवीस ने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि उस मुलाकात में महाराष्ट्र की स्थिति पर मंथन हुआ है। उस मीटिंग के बाद फडणवीस सीधे महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मिलने पहुंचे और फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग कर दी।
आज शाम पांच बजे होगी सुनवाई
एनसीपी नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख, जो जेल में बंद हैं, ने कल महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट आज शाम उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को सदन के पटल पर अपना बहुमत समर्थन साबित करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देश को चुनौती देने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर शाम 5 बजे सुनवाई के लिए सहमति जताई है। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका का उल्लेख किया, जिसमें आज तत्काल सुनवाई की मांग की गई है; कहा गया है कि, फ्लोर टेस्ट अवैध है। आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के निर्देश को चुनौती देते हुए शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
