चूरू. राजस्थान के चूरू जिले में जिले में पिछले एक सप्ताह में डिग्गी और जोहड़ में डूबने से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार रात भी तारानगर तारानगर तहसील के गांव खरतवास में रात खेत में बनी पानी की डिग्गी में दो सगे भाई डूब गए। जिनकी मोत हो गई। पुलिस ने कई घंटों के अथक प्रयास के बाद डिग्गी से पानी खाली करवाया। पुलिस ने बताया कि तारानगर तहसील के गांव खरतवास निवासी शुभकरण नायक ने तारानगर थाने में रिपोर्ट दी कि उसने खरतवास की रोही में एक खेत हिस्से पर लेकर खेती का काम करता है। मंगलवार शाम वह अपने भाई महेंद्र नायक के 14 वर्षीय पुत्र अरुण व 12 वर्षीय पुत्र मनीष के साथ खेत में कार्य कर रहा था। मनीष पड़ोसी के खेत में बनी पानी की डिग्गी से पानी लाने गया। पानी निकालते समय उसका पैर फिसल गया और मनीष मनीष पानी की डिग्गी में डूब गया। इस बात की जानकारी उसके बड़े भाई अरूण को लगी तो वह उसे बचाने के लिए डिग्गी में कूद पड़ा और दोनों ही अकारण काल का ग्रास बन गए। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। थानाधिकारी गोविंदराम विश्नोई व एएसआई सुमेर सिंह मीणा पुलिस जाब्ते के मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के सहयोग से डिग्गी में जनरेटर पम्प लगाकर उसे खाली करवाकर शवों की तलाश शुरू की। पुलिस ने शवों को डिग्गी से बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। डिग्गी में पानी अधिक होने पर दोनों बच्चों के शव नहीं मिले। कई घण्टों के अथक प्रयास के बाद देर रात्रि करीब 10 बजे पुलिस को मनीष का शव मिला, लेकिन अरुण का नहीं मिला। डिग्गी में ढूंढने का काम जारी रहा। बाद में बड़ भाई अरूण का भी शव मिल गया। पुलिस ने बुधवार सुबह दोंनो मृतक बच्चों के ताऊ शुभकरण की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप कर जांच शुरू कर दी है। दोनों सगे भाइयों की मौत से गांव में शोक की लहर छा गई। दोनों बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। बच्चों के पानी की डिग्गी में डूबने से हुई मौत का समाचार सुनकर माता-पिता बेसुध हो गए थे। रात्रि को गांव में घरों में चूल्हे नहीं जले।