नई दिल्ली. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पाकिस्तानी पत्रकार के मिलने के दावे और भाजपा की ओर से जा रहे हमले का आखिरकार जवाब दे ही दिया। अंसारी ने कहा कि उनके खिलाफ मीडिया के एक तबके और भाजपा के एक की ओर से एक के बाद एक झूठ फैलाया जाता रहा है। उन्होंने एक बयान जारी कर भाजपा द्वारा रॉ के एक पूर्व अधिकारी की टिप्पणियों के हवाले से लगाए इन आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने ईरान में भारत के राजदूत के रूप में राष्ट्रीय हितों से समझौता किया था। इससे पहले भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के उस दावे को लेकर अंसारी और कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें उसने कहा है कि उसने संप्रग सरकार के कार्यकाल में पांच बार भारत की यात्रा की। यहां से एकत्रित संवदेनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध कराईं है। भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार की उस कथित टिप्पणी का उल्लेख किया कि उसने अंसारी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा की थी। उनसे मुलाकात भी की थी।
इधर हामिद अंसारी ने इन दावों के सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उपराष्ट्रपति की ओर से विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आम तौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर दिया जाता है। वर्ष 2007 से 2017 तक उपराष्ट्रपति रहे अंसारी ने कहा मैंने 11 दिसंबर 2010 को आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया था। जैसा कि सामान्य प्रथा है। आयोजकों की ओर से आमंत्रितों की सूची तैयार की गई होगी। मैंने उसे (पाकिस्तानी पत्रकार) कभी आमंत्रित नहीं किया या उससे मुलाकात नहीं की।
अंसारी ने कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में उनका काम, हर समय तत्कालीन सरकार की जानकारी में था। उन्होंने कहा कि वह ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से बंधे हैं। उन पर टिप्पणी करने से बचेंगे। अंसारी ने कहा कि भारत सरकार के पास सारी जानकारी है और सच्चाई बताने वाली वह एकमात्र प्राधिकार है। यह रिकॉर्ड की बात है कि तेहरान में मेरे कार्यकाल के बाद मुझे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया था। वहां मेरे द्वारा किया गया काम देश और विदेश में स्वीकार किया गया है।