जयपुर. मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने उच्च शिक्षा विभाग में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्कूली शिक्षा में शुरू किए गए शालादर्पण पोर्टल की तर्ज पर पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए है। श्रीमती शर्मा शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित कक्ष में उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा कर रही थी। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रदेश के विद्यार्थियों को अपने निकटतम स्थान पर उच्च शिक्षा मिल सके, इसके लिए विगत बजट घोषणाओं में बड़ी संख्या में नए महाविद्यालय खोले गए हैं। इन महाविद्यालयों के भवनों के निर्माण समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। साथ ही पूर्व में चल रहे ?से कॉलेज जिनके भवन नहीं बने थे उनका भी भवन निर्माण जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए।
श्रीमती शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों की मदद से बेहतर कार्ययोजना बना कर जयपुर स्थित राजस्थान स्कूल ऑफ ऑट्र्स स्कूल को विकसित किया जाए। अधिकारियों ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि यहां आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु 5 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है, इसमें से 2.21 करोड़ रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की दी गई है। साथ ही सहायक आचार्य के पदों पर भर्ती करने हेतु अभ्यर्थना अगस्त माह में राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेज दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने जयपुर के जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर स्थित विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं को समन्वित कर 400 करोड़ रुपये की लागत से एजुकेशन हब विकसित किए जाने के कार्य को गति दी जाए। इससे छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा का वातावरण मिलेगा। बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार 9 ऐसे उच्च माध्यमिक विद्याालयों को कॉलेज में क्रमोन्नत कर दिया गया है जहां 11 वीं एवं 12 वीं कक्षा में 500 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत थी। बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव श्री भवानी सिंह देथा एवे आयुक्त कॉलेज शिक्षा श्रीमती शुचि त्यागी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थें।