नई दिल्ली. कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 80 तक पहुंच जाने को लेकर शुक्रवार को को केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुपये के लिए हानिकारक हैं। गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 80 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच चुका है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अबकी बार 80 पार हैशटैग से एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कि देश निराशा की गर्त में डूबा है। ये आपके ही शब्द हैं ना, प्रधानमंत्री जी? उस समय आप जितना शोर मचाते थे,आज रुपए की कीमत तेज़ी से गिरती देखकर उतने ही मौन है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया गिर रहा है। रोजगार घट रहे हैं। देश के लोगों की आमदनी घट रही है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय में उन शब्दों/कार्यक्रमों/तरीकों की सूची बढ़ती जा रही है। जिनके जरिये आप इस पर सवाल पूछ सकते हैं या इसके खिलाफ विरोध जता सकते है।
“देश निराशा की गर्त में डूबा है”
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 15, 2022
ये आपके ही शब्द हैं ना, प्रधानमंत्री जी?
उस वक़्त आप जितना शोर मचाते थे, आज रूपए की कीमत तेज़ी से गिरती देखकर उतने ही 'मौन' हैं। #अबकी_बार_80_पार pic.twitter.com/i9RHSVbglf
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं के अतीत के कुछ बयानों से जुड़ा वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि लोगों को याद रहना चाहिए कि 2014 के पहले क्या कहा गया था। भाइयों और बहनों, रुपया उसी देश का गिरता है, जहां की सरकार भ्रष्ट और गिरी हुई हो। यह भी कहा था कि कभी-कभी तो लगता है दिल्ली (केंद्र) सरकार और रुपये के बीच में कॉम्पीटिशन चल रहा है। किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है। कौन और आगे जाएगा?. उन्होंने दावा किया कि जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, मोदी की कृपा से उनके स्वघोषित अमृतकाल में वो दिन भी देश ने देख ही लिया। भारत का रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया है।
कहीं पेट्रोल की तरह शतक की तैयारी तो नहीं?
सुप्रिया ने कहा कि यह वही रुपया है, जिससे प्रधानमंत्री की आबरू और प्रतिष्ठा जुड़े होने का दावा खुद मोदी करते थे। पर आज तो डर यह है कि जिस तेज़ी से रुपया गिर रहा है। कहीं पेट्रोल की तरह, यहां भी शतक की तैयारी तो नहीं?। कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार 2014 के पहले रुपये की मज़बूती के लिए मोदी ज़रूरी है का दावा करने वाले प्रधानमंत्री तो हमारे रुपए के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मज़बूत प्रधानमंत्री ने इतिहास में रुपये को सबसे कमजोर बनाकर छोड़ दिया है।
2014 के पहले रुपए की मज़बूती के लिए मोदी ज़रूरी है, का दावा करने वाले प्रधानमंत्री तो हमारे रुपए के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मज़बूत PM ने इतिहास में रुपए को सबसे कमजोर बना दिया : @SupriyaShrinate जी#अबकी_बार_80_पार pic.twitter.com/4SFoBtRa7a
— Congress (@INCIndia) July 15, 2022
सुप्रिया ने सवाल किया कि पिछले 6 माह में रुपया 7 प्रतिशत से ज़्यादा गिरा है। कभी कोरोना कभी यूक्रेन-रूस की जंग के पीछे कब तक छिपते रहेंगे प्रधानमंत्री जी? उन्होंने कहा कि 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 58 थी और पिछले आठ वर्षों में 80 तक पहुंच गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनने के समय डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 45 थी और 10 साल बाद यह 58 तक पहुंची। यानी 10 वर्षों में 13 अंकों की गिरावट आई, लेकिन मोदी सरकार के आठ वर्षों में 22 अंकों की गिरावट आई है। उन्होंने दावा किया कि आज यह स्वीकारना पड़ेगा कि कमजोर रुपये का सबसे बड़ा कारण ध्वस्त अर्थव्यवस्था- बेलगाम महंगाई है। डर तो यह लगता है कि कहीं 80, 90 पूरे 100 करने की मंशा तो नहीं है साहेब की?.मोदी रुपये के लिए हानिकारक है।