नई दिल्ली. केरल में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (Neet Exam) में शामिल होने से पहले छात्राओं से ब्रा उतरवाने के मामले में अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले में जिन लोगों ने छात्राओं को ऐसा करने के लिए मजबूर किया, उनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया है। छात्राओं को ब्रा उतारने को मजबूर करने वालीं पांच महिलाओं को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। आरोप है कि छात्राओं से एग्जाम से पहले ब्रा उतरवाई थी। छात्राओं को बिना ब्रा के एग्जाम में तीन घंटे तक बैठना पड़ा। ऐसा इसलिए किया क्योंकि मेटल डिटेक्टर में जांच के दौरान ब्रा में लगे हुक के चलते आवाज़ हुई थी। इस संबंध में परीक्षा केंद्र का कहना है कि ये आरोप गलत हैं। छात्राओं से ऐसा करने को नहीं कहा था। परीक्षा केंद्र के अधीक्षक ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को बताया कि ये आरोप मनगढ़ंत हैं और इसकी शिकायत गलत इरादे से दायर की गई है। एनटीए के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैँ।
केरल के कोल्लम जिले में 17 वर्षीय लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जाने पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल में बताया कि उनकी बेटी ने नीट के बुलेटिन में बताए ड्रेस कोड के अनुरूप कपड़े पहने थे। लड़की के पिता ने कहा कि इस बुलेटिन में अधोवस्त्र के संबंध में कोई बात नहीं कही थी, लेकिन उनकी बेटी से परीक्षा में बैठने की अनुमति पाने के वास्ते अधोवस्त्र उतारने के लिए कहा गया।
केरल पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर कथित घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस संबंध में एनटीए (NTA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें कोई शिकायत या प्रतिवेदन नहीं मिला है। मीडिया रिपोर्ट में किए दावों के आधार पर संबंधित परीक्षा केंद्र के अधीक्षक और पर्यवेक्षक से तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है। एक अधिकारी ने कहा कि अधीक्षक और पर्यवेक्षक ने हमें बताया कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. संबंधित शिकायत पूरी तरह से मनगढ़ंत है और गलत इरादे से दायर की गई है। अधिकारी के मुताबिक नीट बुलेटिन में बताया कि ड्रेस कोड ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देता है, जिसके बारे में लड़की के पिता ने आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह ड्रेस कोड परीक्षा की पवित्रता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षार्थियों की जांच के दौरान लिंग, संस्कृति और धर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों का ध्यान रखता है।
इस बीच, केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक पत्र लिखकर उस एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। जिसने कोल्लम जिले में नीट परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले कथित तौर पर छात्राओं को अपने ब्रा अंडरवियर उतारने के लिए मजबूर किया। पत्र में बिंदू ने अयूर के एक परीक्षा केंद्र में नीट परीक्षा देने वाली छात्राओं की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर हमले की खबर पर निराशा और हैरानी जताई है। जिस एजेंसी को परीक्षा के संचालन का जिम्मा सौंपा था, उसने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले लड़कियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, जिसका कारण सिर्फ उसे ही ज्ञात है। बिंदू ने कहा इस तरह की शर्मनाक और हैरान करने वाली अप्रत्याशित घटना से प्रतिभागियों का मनोबल और मानसिक संतुलन प्रभावित हुआ, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा। उन्होंने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एजेंसी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की सिफरिश की और केंद्रीय मंत्री से मामले में दखल देने की मांग की। बिंदू ने कहा कि मैंने उन्हें (प्रधान को) पत्र लिखकर बताया है कि हम उस एजेंसी के इस तरह के अमानवीय व्यवहार का कड़ा विरोध करते हैं। जिसे केवल निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा सौंपा था।