नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों कई खुशियां दी है। मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से हुए एक ट्वीट में घोषणा की है कि राज्य कर्मचारियों के व्यापक हित को ध्यान में रखते महंगाई भत्ते और महंगाई राहत दर अब 34 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। यही नहीं यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। इसके अलावा राज्य कर्मचारियों के लिए 5 लाख के हेल्थ इंश्योरेंस की घोषणा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने की है।
#UPCM @myogiadityanath ने राज्य कर्मचारियों के व्यापक हित का ध्यान रखते हुए दिनांक 01 जनवरी 2022 से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की दर 31% के स्थान पर 34% करने का निर्णय लिया है।@UPGovt @spgoyal @navneetsehgal3 @sanjaychapps1 pic.twitter.com/xlYRgghVSo
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 22, 2022
मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें राज्य कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और 5 लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस के संबंध में स्वयं मुख्यमंत्री बता रहे हैं। इस वीडियो के साथ लिखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्मिकों को परिवार का हिस्सा मानती है। इसी प्रकार का भाव कर्मचारियों को आम जनता के प्रति रखना चाहिए, इससे आम जनमानस को शासन की सुविधाओं का पूरा लाभ मिले। वीडियो में मुख्यमंत्री कहते हुए सुनाई देते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्मिकों को कार्मिक नहीं मानता, बल्कि परिवार का हिस्सा मानता है।
.@UPGovt अपने कार्मिकों को परिवार का हिस्सा मानती है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 22, 2022
इसी प्रकार का भाव कर्मचारियों को आम जनता के प्रति रखना चाहिए, जिससे आम जनमानस को शासन की सुविधाओं का पूरा लाभ प्राप्त हो सके: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/JuizbnAQOb
उसी भाव के साथ उनके साथ कार्य करता है और व्यवहार करता है और एक संवाद बनता है। राज्य सरकार के कार्मिकों और पूर्व कार्मिकों को सरकारी अस्पतालों में कैशलेस असीमित सुविधा मिले और पैनल में आने वाले अस्पतालों में स्टेट हेल्थ कार्ड के माध्यम से प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा का कवर और अगर इलाज पर उससे ज्यादा खर्च होता है तो उसके बारे में अलग से उसकी व्यवस्था करें। इस वीडियो में वह आगे कहते हैं उस स्टेट हेल्थ कार्ड को डाउनलोड करके व्यक्ति कहीं भी जाएगा तो वहां पर जाकर उस कर्मचारी को या पेंशनर को या उसके आश्रित को किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए तरसना न पड़े इसके लिए आज एक कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में हुआ है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जो इसको प्रारंभ कर रहा है।