नई दिल्ली. कोरोना का दंश झेलने के बाद अब दुनिया के देशों पर मंकीपॉक्स का खतरा मंडराने लगा है। ये वायरस उन देशों में भी तेजी से फैल रहा है, जहां इसे पहले कभी नहीं देखा गया। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों से चिंतित विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिजनल डायरेक्टर (साउथ-ईस्ट एशिया) डॉ पूमन खेत्रपाल ने इससे जुड़ी एक और गंभीर जानकारी शेयर की है। इनके मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन को मिले आंकड़ों के मुताबिक मंकीपॉक्स के संक्रमण के मामले उन पुरुषों में ज्यादा मिले हैं, जो दूसरे पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण का खतरा समलैंगिक लोगों को ज्यादा है। संभावना है कि ये आगे चल कर अन्य लोगों में भी फैल जाए। ये बिल्कुल जरूरी नहीं है कि वो उन तक ही सीमित रहे। इससे डील करने में संवेदनशीलता और बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के कदम उठाने की जरुरत है।
ग्लोबल इमरजेंसी बन चुका है मंकीपॉक्स
शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 70 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के प्रसार को एक असाधारण हालात बताया था। इस बीमारी को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयसस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा की। ये पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कोई कार्रवाई की है। उन्होंने मंकीपॉक्स वैक्सीन तैयार करने पर भी बल दिया है।
Monkeypox spreading rapidly & to countries that haven't seen it before. Cases concentrated among men who have sex with men. Our measures should be sensitive, devoid of stigma or discrimination: Dr Poonam Khetrapal Singh, Regional Director, WHO South-East Asia Region
— ANI (@ANI) July 24, 2022
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पहले से मौजूद है मंकीपॉक्स
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कई हिस्सों में दशकों से मौजूद है। हालांकि अफ्रीका महाद्वीप के बाहर इतने बड़े स्तर पर इसका प्रकोप पहले कभी नहीं देखा था। मई माह तक लोगों के बीच इस बीमारी का प्रसार नहीं हुआ था और अब यह भारत सहित दुनिया के 75 देशों में पांव पसार चुका है। अब तक मंकीपॉक्स वायरस के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।