अमेरिका विदेश विभाग ने अलकायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी की मौत के बाद पूरी दुनिया को अलर्ट जारी किया है। इसके माध्यम से कहा है कि कभी भी आतंकी हमले किए जा सकते हैं। आतंकी कहीं भी हमला कर सकते हैं। आपको बता दें कि 31 जुलाई, 2022 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान में एक सटीक आतंकवाद विरोधी हमला किया, जिसमें अल-कायदा के नेता के रूप में ओसामा बिन लादेन के डिप्टी और उत्तराधिकारी अयमान अल-जवाहिरी मारा गया। अल-जवाहिरी 9/11 के आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड में से एक था।
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस घटना के बाद चेतावनी दी है कि अल-जवाहिरी की मृत्यु के बाद अल-कायदा के समर्थक या उससे संबद्ध आतंकवादी संगठन, अमेरिकी सुविधाओं, कर्मियों या नागरिकों पर हमला करने की कोशिश कर सकते हैं। चूंकि आतंकवादी हमले अक्सर बिना किसी चेतावनी के होते हैं। इसीलिए अमेरिकी नागरिकों को अलर्ट रहना चाहिए। साथ ही लोग सतर्कता का स्तर और विदेश यात्रा करते समय अच्छी स्थितिजन्य जागरूकता का अभ्यास करें। गौरतलब है कि जवाहिरी दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था। वो 11 सितंबर 2001 के हमलों का मास्टरमाइंड था। जवाहिरी ओसामा बिन लादेन के निजी चिकित्सक के रूप में काम कर चुके हैं।
तालिबान ने की निंदा
यह हमला केंद्रीय खुपिुया एजेंसी (सीआईए) की ओर से वायु सेना के ड्रोन से किया गया था। जिसमें जवाहिरी के मारे जाने की एक अधिकारी ने पुष्टि की थी। तालीबान ने सप्ताहांत में काबुल में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से किए ड्रोन हमले की निंदा की है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि राजधानी में एक आवास पर हमला किया और इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन भी बताया।
दोहा समझौते का किया उलंघन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान ने अल-कायदा प्रमुख की मेजबानी और आश्रय देकर दोहा समझौते का घोर उल्लंघन किया है। दुनिया को बार-बार आश्वासन दिया कि वे अन्य देशों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए आतंकवादियों की ओर से अफगान क्षेत्र का उपयोग नहीं करने देंगे।
अमेरिका और तालिबान ने हस्ताक्षर किए
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अध्यक्षता में फरवरी 2020 में शांति समझौता किया और इस समझौते में कहा गया है कि अफगान धरती से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान हिंसा को कम करेगा। गारंटी देगा कि इसकी धरती आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं होगी। ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान ने अफगान लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता और संबंधों को सामान्य बनाने की उनकी अपनी इच्छा के साथ भी विश्वासघात किया है।