नई दिल्ली. देश को आज शाम तक नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। इसके लिए मतदान सुबह दस बजे से शुरू हो गया है। मतदान शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच मुकाबला है। संख्या बल क हिसाब से अनुमान लगाया जाए तो धनकड़ का उपराष्ट्रपति बनना तय है। उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं। इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के लिए पात्र होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए 390 से अधिक वोटों की आवश्यकता होती है।
उपराष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे शुरू हो गया. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले वोट डालने वाले सांसदों में शामिल थे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अश्विनी वैष्णव, भाजपा के मुख्य सचेतक राकेश सिंह, वाईएसआरसीपी के रघु राम कृष्ण राजू और टीआरएस सांसदों ने मतदान किया। 80 वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अल्वा के समर्थन की घोषणा की है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी अल्वा का समर्थन किया है। धनखड़ 71 साल के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। आपको बता दें की देर शाम तक मतगणना कर घोषणा कर दी जाएगी।
जेडीयू, वाईएसआर, कांग्रेस, बीएसपी, अन्नाद्रमुक और शिवसेना ने धनखड़ का समर्थन करने की घोषणा की है और इनके समर्थन से राजग उम्मीदवार को 515 के करीब मत मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। वहीं अल्वा को अब तक मिले पार्टियों के समर्थन को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि उन्हें 200 के करीब मत मिल सकते हैं।
अल्वा बोली सांसदों के बीच विश्वास बहाली जरूरी
मतदान से एक दिन पहले अल्वा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि संसद के कामकाज को अगर प्रभावी बनाना है तो सांसदों को एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और टूट चुके संवाद को कायम करने के लिए रास्ते निकालने होंगे। अंतत: वह सांसद ही हैं, जो हमारी संसद का चरित्र निर्धारित करते हैं। उन्होंने कहा कि समय आ चुका है कि एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और संसद की गरिमा को बहाल करने के लिए सभी दल साथ आएं। यदि धनखड़ उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं तो तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य से होंगे। वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा से सांसद हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।
चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और चुनाव गुप्त मतदान से होगा। इस प्रणाली में निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती है। राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। साल 1974 के नियमों में निर्धारित मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है। मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी की ओर से मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा।