नई दिल्ली. देश को आज नए उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ मिल गए हैं। एनडीए उम्मीदवार धनखड़ ने उपराष्ट्रपति की रेस में भारी मतों से जीत हासिल की थी। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को मात 346 मतों से पराजि किया था। धनखड़ को कुल 725 मतों में से 528 मत मिले हैं। धनखड़ ने वकील से लेकर उपराष्ट्रपति का सफर तय किया है।
नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बारे में जाने सब कुछ
- जगदीप धनखड़ का राजस्थान के झुंझुनू के किठाना गांव में 15 मई 1951 को जन्म हुआ था। वह एक किसान परिवार से हैं।
- चित्तौडगढ़़ से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, एलएलबी में महाराजा कॉलेज से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और वकालत शुरू कर दी।
- धनखड़ ने 1979 में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में एक वकील के रूप में नामांकन किया था। धनखड़ सबसे कम उम्र (35 वर्ष) में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए थे।
- धनखड़ साल 1989 में जनता दल से जुड़े और राजनीति में कदम रख लिया। वह पहली बार झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से सांसद निर्वाचित हुए।
- 1990 में वह वीपी सिंह सरकार में देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री बने। राजनीति में इस बेहतरीन शुरुआत के बाद अजमेर जिले की किशनगढ़ से वह विधायक निर्वाचित हुए।
- उन्होंने तत्कालीन पीएम चंद्रशेखर के मंत्रीमंडल के तहत 1990-1991 तक संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
- जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2019 से जुलाई 2022 तक पश्चिम बंगाल के 27वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। राज्यपाल बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। यही नहीं धनखड़ राज्यपाल के रूप में शपथ लेने तक राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता भी थे।
- Ÿæ उन्हें 1993 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान राजस्थान के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा (एमएलए) के सदस्य के रूप में चुना गया।