नई दिल्ली. दिल्ली सहित भारत के कई शहरों में कोरोना फिर से तेजी के साथ फैल रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैज्ञानिकों को आशंका है कि तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट सेंटोरस है जो अगला वैश्विक कोरोना वेरिएंट साबित हो सकता है। ये कितना खतरनाक है इसकी पुष्टि नहीं हुई है। कोरोना बार-बार म्यूटेट हो रहा है और इसकी वजह से इसके नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं।
20 देशों में फैला सेंटोरेस
कोरोना का अब ये नया वेरिएंट सेंटोरेस अब तक करीब 20 देशों में फैल चुका है। इसका प्रसार बेहद तेजी के साथ हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे लेकर राहत की बात यह है कि मजबूत इम्यूनिटी के कारण भारत सहित तमाम देशों में इसका प्रभाव कम दिख रहा है। संक्रम में तेजी होने के बावजूद सेंटोरेस से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर भी कम है।
सेंटोरेस ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है
सेंटोरेस जो ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट बीए.2.75 है जो भारत में तेजी से बढ़ रहा है। क्यों है बीए.2.75 अभी तक अन्य ओमिक्रॉन की तुलना में अधिक या कम खतरनाक प्रतीत नहीं होता है। लेकिन कोरोना के म्यूटेशन ने चिंता बढ़ा दी है। जिससे ये पता चल रहा है कि कैसे एक मामूली परिवर्तन भी कोविड को विभिन्न गुणों के साथ अधिक संक्रामक प्रजातियों को उत्पन्न करने की अनुमति दे सकता है। भारत में सेंटोरस तेजी से फैलने में सक्षम है. लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि ओमिमक्रॉन का ये नया वेरिएंट सेंटोरस बीए.5 को विस्थापित कर देगा। शायद बाद में भारत में ये कोरोना का प्रमुख सबवेरिएंट बन जाएगा।
जुलाई से भारत में फैलना शुरू हुआ नया वेरिएंट
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सेंटोरस यानी बीए. 2.75 जुलाई में भारत में तेजी से बढऩा शुरू हुआ है। उसके बाद एशिया और यूरोप सहित 20 देशों में फैल चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मई से लेकर अब तक एक हजार नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की थी। जिनमें से दो तिहाई मामले बीए 2.75 के थे।
हाइब्रिड इम्यूनिटी के कारण ज्यादा प्रभाव नहीं
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि बीए 2.75 के मामले दिल्ली में भी सर्वाधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार बीए 2.75 में एक म्यूटेशन ए452आर है जिससे दोबारा संक्रमण की आशंका बढ़ती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हाइब्रिड इम्यूनिटी के कारण इसका ज्यादा प्रभाव नहीं दिखेगा. हाइब्रिड इम्यूनिटी का मतलब संक्रमण से उत्पन्न इम्यूनिटी के साथ-साथ टीकाकरण से भी इम्यूनिटी हासिल करना है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरोलाजिस्ट शाहिज जमील के अनुसार ज्यादातर जगहों पर बीए. 2.75 कोई नई लहर पैदा करेगा। जिन लोगों को बीए-5 का संक्रमण हुआ है। उन्हें बीए 2.75 का संक्रमण होने की संभावना नहीं है।